जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट | भारतीय जनता पार्टी के विधायक बालमुकुंद आचार्य ने पार्टी में शामिल हुए कांग्रेस पार्षदों का ‘शुद्धिकरण’ किया।आचार्य हाथोज धाम मंदिर के महंत भी हैं। उन्होंने हाल ही में हेरिटेज नगर निगम के महापौर कार्यालय का और कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में आए पार्षदों का गंगाजल और ‘गोमूत्र’ छिड़ककर ‘शुद्धिकरण’ किया।
बीजेपी को समर्थन करने वाले मनोज मुद्गल, ज्योति चौहान, उत्तम शर्मा, दशरथ सिंह समेत 8 कांग्रेसी पार्षद हैं, जो कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री प्रतापसिंह खाचारियावास के बेहद करीबी हैं. इन पार्षदों ने ही कांग्रेस बोर्ड से मेयर बनी मुनेश गुर्जर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, हालांकि, चर्चा इस बात की भी है कि कांग्रेसी नेताओं की आपस में वर्चस्व की लड़ाई का बीजेपी फायदा उठाया और जोड़-तोड़ कर अपना बोर्ड बना लिया.
इस दौरान मौजूद कांग्रेस पार्षदों ने कहा कि ‘शुद्धिकरण’ का उद्देश्य किसी को भ्रष्ट बताना नहीं था और हिंदू संस्कृति में यह एक सामान्य परंपरा है। वहीं कांग्रेस के एक नेता के अनुसार, विडंबना है कि भाजपा में शामिल होने वाले सभी लोग अपने ‘पापों-अपराधों’ से मुक्त हो जाते हैं।
जयपुर हेरिटेज नगर निगम (जेएमसीएच) कार्यालय में बुधवार को विधायक ने भ्रष्टाचार से कार्यालय को प्रतीकात्मक रूप से शुद्ध करने और हाल ही में भाजपा में शामिल हुए कांग्रेस पार्षदों का स्वागत करने के लिए गंगाजल और गोमूत्र के मिश्रण का इस्तेमाल किया। यह कदम निगम की पूर्व महापौर मुनेश गुर्जर को भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते पद से हटाए जाने के बाद उठाया गया है। उनकी जगह भाजपा ने कुसुम यादव को कार्यवाहक महापौर नियुक्त किया है। यादव को कांग्रेस के सात पार्षदों और भाजपा में शामिल हुए एक निर्दलीय पार्षद का भी समर्थन प्राप्त है।