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यूपी में योगी सरकार सख्त, जानिए किन लोगों की सैलरी पर लटकी तलवार

लखनऊ ब्यूरो रिपोर्ट। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार चल अचल संपत्ति का ब्योरा नहीं देने वाले कर्मचारियों को बचाने वाले आहरण वितरण अधिकारी यानी डीडीओ का भी वेतन रोकने की तैयारी में हैं. मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इस संबंध में सभी विभागों को निर्देश जारी कर दिया है.कर्मचारी मानव संपदा पोर्टल पर संपत्ति की घोषणा कर सकते हैं. इसकी अंतिम तारीख 30 सितंबर है.

मुख्य सचिव ने की ओर से जारी आदेश के मुताबिक अब तक 90 फीसद कर्मचारी अपनी चल-अचल संपत्ति का पूरा ब्योरा पोर्टल पर जारी कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि 12 सितंबर तक यूपी के कुल 844374 कर्मचारियों में से 719807 कर्मचारियों और अधिकारियों ने अपनी चल अचल संपत्ति की जानकारी साझा कर दी है. अभी भी कई कर्मचारी बचे हुए हैं.

डीडीओ का भी रुकेगा वेतन
उन्होंने कहा जिन कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है उन्हें सितंबर महीने का वेतन नहीं दिया जाएगा. आदेश में कहा गया है कि इसकी नियमित समीक्षा डीडीओ के स्तर से भी भी किया जाना जरूरी है. ऐसे में संपत्ति का ब्योरा नहीं दिए जाने पर उन्हें भी जवाबदेह बनाया गया है. उनकी भी जिम्मेदारी होगी कि वो सभी कर्मचारियों की संपत्ति का जानकारी पोर्टल पर हो इसे सुनिश्चित करें.

सितंबर महीने में चल-अचल संपत्ति का ब्योरा देने वाले कर्मचारियों और उनके डीडीओ यानी आहरण वितरण अधिकारियों का वेतन दिया जाएगा. जिन कर्मचारियों ने ऐसा नहीं किया उनका समेत डीडीओ का भी वेतन रोका जाएगा. बता दें कि मुख्य सचिव ने जो आंकड़े दिए है वो 12 सितंबर तक के हैं. आने वाले दिनों में ये संख्या और बढ़ेगी.शासनादेश में कहा गया है कि ये दायित्व सभी विभागों के अध्यक्षों का है कि वो सभी कर्मचारियों की संपत्ति का ब्योरा पोर्टल पर दर्ज कराएं, अगर किसी का ब्योरा नहीं दिख रहा है तो संबंधित नोडल अधिकारी से संपर्क कर समस्या को ठीक कराएं।

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