रांची ब्यूरो रिपोर्ट। झारखंड में कांग्रेस का गठबंधन झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ है और इसमें अलग से राजद और माले की भी हिस्सेदारी है। दोनों दलों को कांग्रेस और झामुमो ने अपने-अपने हिस्से से सीटें दी हैं।ऐसे में कांग्रेस के हिस्से की सीटें बढ़ने की कोई गारंटी नहीं है लेकिन दावेदारों की संख्या बढ़ती जा रही है। मंगलवार को भी प्रदेश कांग्रेस प्रभारी जीए मीर से लगभग एक दर्जन दावेदारों ने मुलाकात की।
झारखंड में विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट अभी से शुरू हो गई है। जानकारों का मानना है कि यहां कांग्रेस और झामुमो के बीच सीटों पर दावेदारी को लेकर खींचतान होने के आसार बन रहे हैं। हाल में आए बयान भी इसी ओर इशारा कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या प्रदेश में चुनाव से पहले आईएनडीआईए का गणित बिगड़ जाएगा?
विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने जहां परिवर्तन यात्राओं के जरिये अपनी चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं.वहीं, सत्ताधारी इंडिया ब्लॉक के घटक दलों में सीट बंटवारे से लेकर मुख्यमंत्री पद तक, रार छिड़ गई है. इस रार की शुरुआत हुई कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर के एक बयान से.
गुलाम अहमद मीर ने झारखंड में रोटेशनल सीएम का राग छेड़ा तो अब झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने कह दिया है कि हम 81 सीटों पर चुनाव लड़ने में सक्षम हैं. दरअसल झारखंड की राजधानी रांची में 30 सितंबर को झारखंड कांग्रेस का जनसंवाद कार्यक्रम था. इस आयोजन में पार्टी के प्रखंड से लेकर प्रदेश स्तर तक के नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए.
झारखंड चुनाव की तैयारियों को लेकर हुए इस आयोजन में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी ने कार्यकर्ताओं को 25 से 30 विधानसभा सीटें जीतने का लक्ष्य दिया. उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी अगर इतनी सीटों पर जीत हासिल कर लेती है तो प्रदेश में रोटेशन के आधार पर मुख्यमंत्री बनाने को लेकर भी बात की सकती है.
झारखंड कांग्रेस प्रभारी के बयान से सत्ताधारी इंडिया ब्लॉक के दो बड़े घटक दलों में खटपट की चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं. झारखंड कांग्रेस प्रभारी के रोटेशनल सीएम वाले बयान पर अब प्रदेश सरकार की अगुवाई कर रही जेएमएम की प्रतिक्रिया भी आ गई है. पार्टी के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य रोटेशनल सीएम वाले बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा झारखंड में काफी मजबूत स्थिति में है और 81 सीटों पर उम्मीदवार उतार चुनाव लड़ने, जीतने की क्षमता रखती है.
उन्होंने कांग्रेस नेता को गठबंधन धर्म की याद दिलाते हुए इसका उल्लंघन करने वाले बयान देने से बचने की नसीहत भी दी है. गौरतलब है कि झारखंड कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर के बयान को लेकर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी सवाल किया गया था. भूपेश बघेल ने इसे लेकर सवाल टालते हुए कहा था कि यह केंद्रीय नेतृत्व से जुड़ा विषय है. हम इस पर कुछ नहीं कहेंगे.