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 नेशनल टेस्टिंग एजेंसी में सुधार के लिए गठित हाई पावर कमेटी को फाइनल रिपोर्ट पेश करने के लिए तीन सप्ताह का समय….

सुप्रीम कोर्ट | नीट यूजी पेपर मामले को लेकर सवालों में घिरी एनटीए में सुधार के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को हाई पावर कमेटी बनाकर रिपोर्ट देने का आदेश दिया था. इसके लिए 30 सितंबर तक का तय किया है. अब इस मामले में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से इस अवधि को और बढ़ाने की गुहार लगाई है. इसके लिए आवेदन दाखिल किया है. मंत्रालय ने कहा कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) में सुधार के लिए गठित हाई पावर कमेटी को फाइनल रिपोर्ट पेश करने के लिए तीन सप्ताह (21 अक्टूबर तक) का और समय दिया जाए.

शिक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कमेटी अब तक 22 बैठकें कर चुकी है, जो एनटीए में सुधार से संबंधित हैं. कमेटी ने पहली मसौदा रिपोर्ट भी मंत्रालय को 18 सितंबर को सौंप दी है. मगर, कमेटी ने कहा है कि परीक्षा में पारदर्शिता और जीरो एरर के लिए और विचार किए जाने की जरूरत है. ऐसे में सर्वोच्च अदालत फाइनल रिपोर्ट तैयार करने के लिए 3 सप्ताह का समय दे.

पोर्टल पर 37 हजार 144 सुझाव मिले

शिक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि MY.GOV पोर्टल पर छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और विशेषज्ञों के 37 हजार 144 सुझाव मिले हैं. इसके अलावा परीक्षा कराने वाली एजेंसियों, राज्य सरकारों, पुलिस अधिकारियों, शिक्षाविदों, तकनीकी विशेषज्ञों, वैश्विक टेस्टिंग एक्सपर्ट समेत अन्य नियामक निकायों से भी परामर्श किया गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने कही थी ये बातें

सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 2 अगस्त को दिए अपने फैसले में केंद्र सरकार को एनटीए में सुधार के लिए (परीक्षा प्रक्रियाओं में सुधार के लिए) एक हाई पावर समिति नियुक्त कर 30 सितंबर तक रिपोर्ट देने का आदेश दिया था.

क्या है एनटीए का काम

राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) देश में नेशनल लेवल की परीक्षाओं का आयोजन कराती है. नीट यूजी, यूजीसी नेट, सीयूईटी यूजी, सीयूईटी पीजी सहित कई राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन एनटीए की ओर से ही किया जाता है. इसका काम परीक्षा का सुचारू रूप से आयोजन और रिजल्ट घोषित करना है. एनटीए शिक्षा मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त एजेंसी है. नवंबर 2017 में इसकी स्थापना प्रवेश परीक्षा और भर्ती आयोजित करने के लिए की गई थी.

शिक्षा मंत्रालय को रिपोर्ट मिलने के एक महीने के अंदर समिति की सिफारिशों पर निर्णय लेने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था. साथ ही कोर्ट ने कहा था कि मंत्रालय को अपने निर्णय के आधार पर कार्ययोजना तैयार करनी होगी. मंत्रालय को सिफारिशों के कार्यान्वयन पर निर्णय लेने के दो हफ्ते के अंदर रिपोर्ट देनी होगी.

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