नई दिल्ली ब्यूरो रिपोर्ट : पेट्रोल और डीजल के दाम में संभावित कमी की उम्मीद जगी है। मार्च से लेकर अब तक कच्चे तेल की कीमतों में 12% की गिरावट आई है, जिससे ऑयल मार्केटिंग और रिफाइनिंग कंपनियों के मार्जिन में वृद्धि हुई है। रेटिंग एजेंसी के अनुसार, इस स्थिति के चलते पेट्रोल और डीजल के दाम में 2-3 रुपये प्रति लीटर की कटौती की जा सकती है।
भारत द्वारा आयात किए जाने वाले कच्चे तेल की औसत कीमत इस महीने 74 डॉलर प्रति बैरल रही, जो मार्च में 83-84 डॉलर थी। उस समय पेट्रोल-डीजल के दाम 2 रुपये प्रति लीटर घटाए गए थे, लेकिन इसके बाद से कीमतें स्थिर रहीं।
इक्रा के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और ग्रुप हेड (कॉरपोरेट रेटिंग्स) गिरीशकुमार कदम ने कहा, “मार्च से सितंबर के बीच पेट्रोल की बिक्री से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की आय में प्रति लीटर 15 रुपये और डीजल पर 12 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। यदि कच्चे तेल के दाम स्थिर रहते हैं, तो पेट्रोल-डीजल के दाम में 2-3 रुपये प्रति लीटर की कमी की जा सकती है।”
महंगाई में संभावित कमी वहीं, पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए गठित मंत्रिसमूह ने 100 से अधिक वस्तुओं पर चर्चा की है। इस बैठक में कुछ वस्तुओं पर जीएसटी दर को 12% से घटाकर 5% करने का प्रस्ताव रखा गया है। अगले बैठक में 20 अक्टूबर को घी, मक्खन, कंप्यूटर, और जूस जैसे उत्पादों पर भी चर्चा की जाएगी।
इसके साथ ही, सरकार रिटेल महंगाई में कोर इन्फ्लेशन के आंकड़ों को शामिल करने पर विचार कर रही है। कोर इन्फ्लेशन में खाद्य वस्तुएं और पेट्रोल-डीजल जैसे ऊर्जा सेक्टर के आंकड़े शामिल नहीं होते हैं, जबकि रिटेल महंगाई (CPI) के आंकड़ों में इनकी कीमतों में आए बदलाव को शामिल किया जाता है।