रायपुर: छत्तीसगढ़ के नया रायपुर के सेंध जलाशय में 4 और 5 नवंबर को भारतीय वायु सेना के एयरोबोटिक टीम सूर्यकिरण शो का आयोजन करने जा रही है. इस आयोजन में भारतीय वायुसेना के एडवांस टेक्नोलॉजी से बने 9 फाइटर जेट रायपुर के आसमान में करतब दिखाएंगे. जिस समय सूर्य किरण शो का आयोजन होगा, उस समय कमेंट्री भी आयोजित की जाएगी.

क्या-क्या करतब होंगे: इस सूर्यकिरण शो में आसमान में तिरंगा लहराता दिखेगा. इसके साथ ही 9 फाइटर जेट एक साथ आसमान में गोला बनाते हुए दिखाई देंगे, जिसे लूप के नाम से जानते हैं. एक साथ आसमान में रोल करते नजर आएंगे. जो बैरल रोल कहलाता है. विमान को आज तक जिन्होंने सीधी उड़ान भरते हुए देखा है यह विमान उल्टे उड़ान भरते हुए भी लोगों को दिखाई पड़ेंगे.

समय पर पहुंचने की अपील: भारतीय वायु सेना के सूर्य किरण शो का आयोजन सुबह 10 बजे से 12 बजे तक होना है. सूर्य किरण जैसे शो करने के लिए पायलट को 6 से 8 महीने की ट्रेनिंग पूरी करनी होती है, जिसके बाद ही फाइटर प्लेन को आसमान में उड़ाया जाता है. सभी फाइटर प्लेन और पायलट छत्तीसगढ़ के नया रायपुर पहुंच चुके हैं. एयरोबोटिक टीम ने अपील की है कि, करीब 30-40 मिनट पहले वहां पहुंच जाएं जिससे शो मिस ना हो.

रायपुर में होने वाला सूर्य किरण शो काफी खास होने वाला है, क्योंकि ऐसा पहली बार होगा कि रायपुर के आसमान में 9 फाइटर जेट एक साथ आसमान में उड़ान भरते दिखाई पड़ेंगे. फाइटर प्लेन 5 मीटर से भी कम की दूरी पर उड़ान भरते दिखेंगे. छत्तीसगढ़ की जनता आकर उत्साह बढ़ाए- कंवल संधु, एयरोबोटिक टीम की कमेंटेटरकाफी मेहनत और ट्रेनिंग: इस तरह के जोखिम भरे फ्लाइंग और करतब जो दिखाए जाएंगे उसे करने में पायलट को काफी ज्यादा ट्रेनिंग की जरूरत पड़ती है. इसके लिए कम से कम 6 से 8 महीने का समय लगता है. कई घंटे की फ्लाइंग और ट्रेनिंग के बाद इस तरह के शो को करने में माहिर होते हैं.
लीड करने में डिसिप्लिन की जरूरत पड़ती है. बाकी पायलट मेरे ऊपर भरोसा करके मेरे कमांड को फॉलो करते हैं, जो भी मैं बोलता हूं बिना कुछ सोचे समझे सभी पहले निर्देश का पालन करते हैं. इतना ज्यादा प्रैक्टिस हम कर चुके हैं- सूर्य किरण एयरोबोटिक टीम के ग्रुप कैप्टन अजय दशरतीग्रुप कैप्टन का कहना है कि, साल भर में मैं 50 से 60 शो कर चुका हूं. इस टीम के साथ और छत्तीसगढ़ में इस शो को करने के लिए पहली बार आया हूं. मेरे लिए यह एक खास शो है.









