नई दिल्ली ब्यूरो रिपोर्ट। 8 अक्टूबर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) देश भर में फैली अपनी 130 से अधिक बटालियन को पुनर्गठित करने की ‘बड़ी’ कवायद कर रहा है, ताकि बल की परिचालन दक्षता में सुधार हो और बड़े पैमाने पर संचालन और कठिन ड्यूटी वाले क्षेत्रों में तैनात अपने जवानों को ‘‘परिवार के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताने’’ का मौका दिया जा सके।यह बड़ी कवायद आठ साल बाद की जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले सप्ताह इसे मंजूरी दी थी।पुनर्गठित करने की कवायद के तौर पर बल की कुल 248 में से 137 बटालियन को उन समूह केंद्रों (जीसी) से जोड़ा जाएगा, जो भौगोलिक रूप से उनकी तैनाती के स्थान के करीब हैं। इसके लिए एक ब्लूप्रिंट तैयार किया गया है,
अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों (वीआईपी) को सुरक्षा प्रदान करने वाली और दंगा-रोधी त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) जैसी विशेष सीआरपीएफ बटालियन को इस प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाएगा।केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक बटालियन में 1,000 से अधिक कर्मी होते हैं।लगभग 3.25 लाख कर्मचारियों वाले देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ के विभिन्न शहरों में जीसी हैं।जीसी की अवधारणा 1968 में बल में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य लड़ाकू बटालियन को पोषित करना और उन्हें उप महानिरीक्षक (डीआईजी) रैंक के अधिकारी की कमान के तहत प्रशासनिक और कार्मिक कार्यों से मुक्त रखना था।एक अधिकारी ने बताया कि नये कदम से कर्मियों को अपने परिवारों के करीब रहने का मौका भी मिलेगा।