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बिहार में खनन माफियाओं पर सीएम नीतीश का चलेगा हंटर ,जल्द माफियाओं की कमर तोड़ने की तैयारी

बिहार ब्यूरो रिपोर्ट | सीएम नीतीश का 50 से अधिक खनन माफियाओं पर चलेगा हंटर, तड़ीपार भेजने की तैयारी में सरका बिहार में खनन माफियाओं का भौकाल था। पूर्व की सरकारों में इन्होंने जमकर खनन का घोटाला कर अपनी विरासतों को मजबूत किया है। भाजपा और जदयू की गठबंधन सरकार इनकी जल्द कमर तोड़ने की तैयारी कर रही है।

50 से अधिक खनन माफियों की लिस्ट तैयार कर ली गई है। पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व में खनन माफियाओं की मौज थी।

भाजपा और जदयू की सरकार में इनकी विरासत और माफियाओं पर हटंर चलाने का खाका तैयार हो चुका है। माफियाओं पर अंकुश लगाने के लिए तीन तरफा कार्रवाई की जा रही है। एक तरफ बिहार पुलिस खनन एवं भू-तत्व विभाग के साथ मिलकर अवैध बालू-गिट्टी के कारोबार पर अंकुश लगाने में जुटी है, तो दूसरी तरफ प्रवर्तन निदेशालय और आर्थिक अपराध इकाई भी बालू माफियों की कमर तोड़ने में आगे आ गई हैं।

इन सभी माफियों को तड़ी पार और जिलाबदर करने की योजना बनाई जा रही है। 50 से अधिक माफियाओं को इस सूचि में शामिल किया गया है। ईओयू की तरफ से भोजपुर, औरंगाबाद के 9-9, पटना के 13, रोहतास, सारण के 8-8, बांका और गया की तीन से चार खनन माफिया सूचिबद्ध किए गए हैं। इस सभी पर आरोप है कि टैक्स चोरी के साथ अवैध खनन का खुलआम कारोबार कर रहे थे।

बता दें कि बालू के अवैध खनन मामले में ईडी ने आदित्य मल्टीकाम, ब्राडसंस के 10 पूर्व निदेशकों पर कार्रवाई की है। पुंज और अजय सिंह की दोनों कंपनियों की वजह से सरकार को पांच सौ करोड़ का राजस्व नुकसान झेलना पड़ता है। ईडी ने पिछले सप्ताह पुंज सिंह और अजय सिंह के खिलाफ कार्रवाई की थी।

इसके पहले राधाचरण सेठ, जगनारायण सिंह, अशोक कुमार, सतीश सिंह समेत अन्य आरोपियों पर कार्रवाई की थी। बता दें कि एसजी इंफ्रा पर करीब 250 करोड़ के राजस्व चोरी का आरोप है।बिहार में बालू का अवैध धंधा कोई नया नहीं है। यहां की दो बड़ी कंपनियां मिलकर बालू का सबसे ज्यादा व्यापार करती हैं। जिनमें ब्राडसन सन्स और आदित्य मल्टीकाम प्रमुख हैं।

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