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मुख्यमंत्री योगी ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई की पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा के समक्ष रखे चित्र पर पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी

लखनऊ ब्यूरो रिपोर्ट। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां लोकभवन में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई की पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा के समक्ष रखे चित्र पर पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

मुख्यमंत्री ने मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई जी की छठी पुण्यतिथि है।वह देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय राजनीति के सर्वमान्य चेहरे थे।अटल जी की पहचान राजनीति के अजातशत्रु के रूप में थी।अटल का जन्म 25 दिसंबर,1924 को हुआ था। उन्होंने देश की राजनीति में 06 दशक का निष्कलंक सार्वजनिक जीवन जीते हुए भारतीय राजनीति को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।16 अगस्त, 2018 को उन्होंने इस भौतिक जगत से अवसान किया। श्रद्धेय अटल का पैतृक गांव उत्तर प्रदेश के आगरा जनपद के बटेश्वर में पड़ता है। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा जनपद कानपुर में रहकर सम्पन्न की।अटल ने अपनी कर्म भूमि के रूप में उत्तर प्रदेश को चुना।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से प्रारंभिक दीक्षा लेने के बाद राष्ट्र धर्म और अन्य विचार प्रकाशनों से जुड़कर अटल ने एक लेखक और कवि के रूप में अपनी पहचान बनाई।स्वतंत्र भारत में डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के सान्निध्य में सार्वजनिक जीवन का शुभारम्भ करते हुए वर्ष 1957 में उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जनपद, जो आज श्रावस्ती लोकसभा सीट है, से लोकसभा के सांसद चुने गए।मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल जी को लगातार 10 बार लोकसभा तथा 02 बार राज्यसभा में जाने का अवसर प्राप्त हुआ।प्रदेश की राजधानी लखनऊ संसदीय क्षेत्र से लगातार पांच बार अटल ने देश की संसद में प्रतिनिधित्व किया।यहीं से अटलजी ने देश की राजनीतिक अस्थिरता को दूर करते हुए तीन बार प्रधानमंत्री के रूप में भी कार्य किया।उन्होंने देश में राजनीतिक स्थिरता लाने के साथ-साथ आधुनिक भारत के निर्माण की नींव रखी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल जी ने सुशासन, इंफ्रास्ट्रक्चर एवं ग्रामीण क्षेत्रों के विकास का एक मॉडल देश के सामने रखा। उनके नेतृत्व में गरीब परिवारों को खाद्यान्न की उपलब्धता के लिए अंत्योदय योजना जैसे कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन हुआ। यह सभी अटल जी की दूरदर्शिता का परिणाम है।मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय राजनीति के लिए और भारत को एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए उनके सद्प्रयासों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए उन्हें वर्ष 2015 में भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया।मुख्यमंत्री ने कहा कि आज अटल जी हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन उनकी स्मृतियां, उनकी कविताएं और भारतीय राजनीति के लिए उनके मूल्य और सिद्धांत सदैव हमें एक नई प्रेरणा प्रदान करते हैं।

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