मध्यप्रदेश ब्यूरो रिपोर्ट। भारतीय जनता पार्टी असली मुद्दों से भटकाने वाली राजनीति करती है।इस समय देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती बेरोजगारी है।प्रधानमंत्री ने हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन रोजगार के अवसर बढ़ने के बजाय घटते जा रहे हैं।जो भरतियां निकलती भी हैं,उनकी प्रतियोगी परीक्षाएं घोटालों का शिकार हो जाती हैं। प्रतियोगी परीक्षा में हो रहा भ्रष्टाचार और पेपर लीक नया उद्योग बन गया है। नीट परीक्षा में हुआ फर्जीवाड़ा इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इसके अलावा महंगाई से आम आदमी बुरी तरह परेशान है। खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान पर हैं।दाल, सब्जी, आटा और दूध जैसी बुनियादी चीजों की क़ीमतें राकेट की तरह बढ़ रही हैं।
देश के सामने तीसरी बड़ी समस्या सार्वजनिक निर्माण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की है।पिछले कुछ दिन में सबने देखा कि किस तरह दिल्ली, जबलपुर और राजकोट एयरपोर्ट की इमारत के हिस्से गिर गए, मुंबई में अटल सेतु में दरारें पड़ गई और बिहार में करीब छह पुल गिर गए।
देश की संसद में जनता से जुड़े इन सब विषयों पर सबसे पहले चर्चा होनी चाहिए।लेकिन देखने में यह आ रहा है कि भाजपा की सरकार लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेता तक को बोलते नहीं दे रही।
विपक्ष जनता के बीच यह सब मुद्दे ना उठा सके इसके लिए विपक्ष के नेताओं पर झूठे मुकदमे डालकर उन्हें जेल में भेजा जा रहा है।झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मामले में हाई कोर्ट के फैसले से यह बात और ज्यादा स्पष्ट हो रही है।
बुनियादी मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए भाजपा सांप्रदायिक नफरत, 50 साल और 100 साल पहले हुई किसी घटना को आज बिना किसी संदर्भ के बढ़ा-चढ़ा कर पेश करना और हवाई जुमले उछालने जैसे काम कर रही है।महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे बुनियादी मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाकर भाजपा लोकतंत्र के साथ आपराधिक षडयंत्र कर रही है।अब समय आ गया है जब देश की जनता और सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर ध्यान भटकाने की इस राजनीति का विरोध करना है और जनता की बुनियादी समस्याओं को दूर करने का हर संभव प्रयास करना है।