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बिना डिग्री मरीजों के इलाज पर एक्शन, मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ ने मुख्य स्वास्थ्य सचिव को दिए सख्त आदेश।

उत्तर प्रदेश ब्यूरो रिपोर्ट | बिना डिग्री मरीजों का इलाज कर उनकी जान को जोखिम में डालने वाले झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई हुई है. स्वास्थ्य विभाग ने फरिहा इलाके में 5 क्लीनिक को सील कर दिया. दो लोगों पर मुकदमा भी दर्ज किया गया है. स्वास्थ्य महकमे की कार्रवाई से पूरे जिले के झोलाछापों में खलबली मची रही. कई अपने क्लीनिक के शटर गिराकर निकल गए.

प्रदेश में फैले झोलाछाप डॉक्टरो के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ मुख्य स्वास्थ्य सचिव को आदेश दिए। प्रदेश में अवैध झोलाछाप डाक्टर और मेडिकल पैथोलॉजी लैब,अल्ट्रासाउंड सेंटर का बहुत बड़ा नेटवर्क फैला हुआ है, अवैध डाक्टर मासूम गरीब जनता का बिना डिग्री के इलाज कर रहे हैं। गरीब जनता को ग़लत दवाई देकर लीवर किडनी भी डैमेज हो रही है। वैसे भी मौसमी बीमारियों का समय चल रहा है।

मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों और सीएमओ व उपजिलाधिकारी को आदेश देते हुए कहा कि प्रदेश में एक भी झोलाछाप डाक्टर नहीं रहना चाहिए। प्रदेश में बड़े स्तर पर व्यापक रूप से अभियान चलाकर अवैध क्लिनिक को सील किया जाएं व अवैध डाक्टरों को सीधा जेल में पहुंचाए जाए,अभियान दिन ही नहीं रात में भी बड़े स्तर पर चलाया जाए।अक्टूबर और नवंबर के महीने में व्यापक तौर पर अभियान में तेजी दिखाई जाए ।

हाल ही में जिले में झोलाछाप डक्टरों के क्लीनिकों पर इलाज के दौरान कई लोगों की मौतें हुईं. इसकी वजह से स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने शुरू हो गए थे. फरिहा इलाके से स्वास्थ्य विभाग को काफी ज्यादा शिकायतें मिल रहीं थीं. इस पर संज्ञान लेकर सीएमओ डॉ. राम बदन राम ने खैरगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के एमओआईसी डॉ. रजनीकांत को कार्रवाई की जिम्मेदारी सौंपी थी.

एमओआईसी डॉ.रजनीकांत ने सोमवार को फरिहा इलाके में डॉ. प्रमोद कुशवाहा, सुनीता देवी, सुभाष के क्लीनिकों को सील कर उन्हें नोटिस जारी कर दिया. इसके अलावा हाथवंत के झोलाछाप बंगाली चिकित्सक और बृजेश मिश्रा के क्लीनिक को सील कर दोनों को एफआईआर भी दर्ज कराई गई.

डॉ. रजनीकांत ने बताया जिन क्लिनिकों को सील किया गया है. उनसे कागजात मांगे गए थे. कागजात न दिखाने पर ऐसे क्लीनिकों को सील किया गया है. उन्हें नोटिस जारी कर पंजीकरण प्रमाण पत्रों को दिखाने के लिए कहा गया है. उन्होंने यह भी बताया कि जो डॉक्टर नोटिस के बाद भी कागजात नहीं दिखा पा रहे हैं, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है.

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