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जेल भेजे जाएंगे चित्रकूट के पूर्व डीएम-सीडीओ समेत 5 रिटायर्ड भ्रष्ट अफसर,विजिलेंस ने दर्ज कराया मुकदमा

प्रदीप नामदेव,ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के चित्रकूट के डीएम रहे ओम सिंह देशवाल, पूर्व सीडीओ भूपेंद्र त्रिपाठी समेत 5 अफसरों और 4 कर्मचारियों के खिलाफ झांसी में FIR दर्ज की गई है। इन पर आय से अधिक संपत्ति जुटाने के साक्ष्य मिलने पर विजिलेंस ने केस दर्ज किया है।ये सभी अधिकारी रिटायर्ड हो चुके है,मगर,विजिलेंस ने इनकी संपत्ति खंगालनी शुरू कर दी है। इस मामले में आरोपी अफसरों की गिरफ्तारी भी होनी है।

यह 24 साल पुराना है केस

बता दे यह पूरा मामला लगभग 24 साल पुराना बताया जा रहा है।आरोप है कि अफसरों ने सांसद निधि समेत अन्य सरकारी योजनाओं में काम कराए बिना ही रुपये का बंदरबांट कर लिया था। वर्ष 1999 में चित्रकूट कोतवाली में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई गई थी।जब जांच शुरू हुई तो घपले की कहानी सामने आई। इसके बाद सरकार ने मामले की जांच विजिलेंस को दे दी।

इन सभी पूर्व अधिकारी और कर्मियों पर दर्ज हुआ मुकदमा 
तत्कालीन डीएम ओम सिंह देशवाल निवासी नई दिल्ली
परियोजना निदेशक प्रेमचंद्र द्विवेदी निवासी प्रयागराज
सीडीओ भूपेंद्र त्रिपाठी निवासी प्रतापगढ़
डीआरडीए के प्रदीप कुमार माथुर निवासी चित्रकूट
मुन्नालाल तिवारी निवासी बांदा
रामस्वरूप श्रीवास्तव निवासी चित्रकूट
देवनारायण तिवारी निवासी बाराबंकी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है.
आरईएस के सहायक अभियंता बुद्धिराम चौधरी निवासी सिद्धार्थनगर
परियोजना निदेशक सोनपाल निवासी झांसी 

संपत्ति की जांच शुरू
विजिलेंस टीम ने इनकी संपत्ति खंगालनी शुरू कर दी है. विजिलेंस के अधिकारियों के मुताबिक आरोपी अफसरों की जल्द गिरफ्तारी की जा सकती है. सरकार से इजाजत मिलने के बाद झांसी की विजिलेंस इकाई ने मई 2022 से जांच शुरू की. इसकी जांच करीब 2 साल तक चली. इस जांच में 27 अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ की गई. बहुत सी फाइलें खंगाली गई. प्रॉप्रटी और खातों की डिटेल की जांच भी की गई.इसके बाद विजिलेंस टीम को आय से अधिक संपत्ति के ठोस सुबूत मिलने के बाद विजिलेंस ने भ्रष्टाचार उन्मूलन अधिनियम समेत आईपीसी की धारा 420, 120-बी समेत अन्य धाराओं में पूर्व जिलाधिकारी समेत 9 के खिलाफ FIR दर्ज कराई है।

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