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हरमनप्रीत कौर का होगा रोहित शर्मा जैसा हश्र? ICC ट्रॉफी फतह के ठीक बाद कप्तानी छोड़ने की उठी मांग

नई दिल्ली. हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारतीय महिला क्रिकेट ने वो कर दिखाया जो आजतक नहीं हुआ। कामयाबी का ऐसा शिखर छुआ जहां अतीत में हम पहुंचते-पहुंचते फिसल जाते थे। पहली बार महिला टीम विश्व चैंपियन बनी। आईसीसी ट्रॉफी का सूखा खत्म हुआ। इस जश्न के बीच पूर्व कप्तान शांता रंगास्वामी ने चौंकाने वाली सलाह दे दी है। उन्होंने कहा है कि हरमनप्रीत कौर की जगह अब स्मृति मंधाना को कप्तानी सौंप देनी चाहिए।

अगर ऐसा हुआ तो हरमन का हश्र भी रोहित शर्मा जैसा होगा जिन्हें आईसीसी ट्रॉफी जीतने के बाद वनडे की कप्तानी से हटा दिया गया। इस साल मार्च में जब हिटमैन की अगुआई में भारतीय टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्जा किया था तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि अगले वनडे टूर्नामेंट में रोहित शर्मा से कप्तानी छीन ली जाएगी। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रोहित बतौर खिलाड़ी गए थे और बल्ले से ऐसा कारनामा किया कि प्लेयर ऑफ द सीरीज चुने गए। रोहित शर्मा साढ़े 38 साल के हैं और हरमनप्रीत कौर 36 साल की। हिटमैन को भी बढ़ती उम्र का हवाला देकर आगे की सोचते हुए कप्तानी से हटाया गया था।

महिला क्रिकेट की दिग्गज शांता रंगास्वामी ने सुझाव दिया है कि यही वक्त है कप्तानी में बदलाव का। उनकी माने तो आगे की सोचते हुए, भारतीय क्रिकेट की बेहतरी को सोचते हुए हरमनप्रीत कौर को कप्तानी से इस्तीफा दे देना चाहिए। इससे उनको फायदा ही होगा और वो अपनी बैटिंग और फील्डिंग से टीम के लिए सबसे मूल्यवान खिलाड़ियों में बनी रहेंगी।

रंगास्वामी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को कहा, ‘ये पहले ही हो जाना चाहिए था क्योंकि हरमन बतौर बल्लेबाज और क्षेत्ररक्षक बहुत ही शानदार हैं। हां, लेकिन रणनीतिक तौर पर वह कभी-कभी लड़खड़ा सकती हैं। मुझे लगता है कि वह कप्तानी के बोझ के बिना और ज्यादा योगदान दे सकती हैं।’

शांता रंगास्वामी ने कहा कि ये फैसला भारतीय क्रिकेट के भविष्य को ध्यान में रखकर लेना चाहिए। अगला वनडे विश्व कप 2029 में है और टी20 वर्ल्ड कप अगले साल ब्रिटेन में खेला जाना है।

दिग्गज पूर्व क्रिकेटर ने स्टार बैटर स्मृति मंधाना को कप्तानी सौंपने की हिमायत की है। उन्होंने मंधाना को हर फॉर्मेट में कप्तान का स्वाभाविक उत्तराधिकारी बताया है।

रंगास्वामी ने माना कि इतनी बड़ी कामयाबी के बाद कप्तानी में बदलाव की बात को अच्छे तरह से नहीं लिया जाएगा लेकिन ये भारतीय क्रिकेट के हित में होगा। उन्होंने कहा, ‘देखिए, इतनी बड़ी कामयाबी (विश्व कप जीत) के बाद इसे सही से नहीं देखा जाएगा लेकिन यह भारतीय क्रिकेट और हरमन के भी हित में होगा। मुझे लगता है कि वह कप्तानी के बोझ से मुक्त होकर और ज्यादा योगदान दे सकती हैं।’

रंगास्वामी ने आगे कहा, ‘उनके पास अब भी 3-4 साल का क्रिकेट बाकी है। कप्तान नहीं रहेंगी तो वह ऐसा कर पाएंगी। स्मृति को सभी फॉर्मेट का कप्तान बनाया जाना चाहिए। आपको आने वाले विश्व कप के लिए भी प्लान बनाने की जरूरत है।’

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