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क्यों अमरूद को कहा जाता है आयुर्वेद का अमृतफल? जानें फायदे

सर्दियों में कई तरह के पौष्टिक और स्वादिष्ट मौसमी फल और सब्जियां मिलती हैं जिसका सेवन सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। ये मौसमी फल-सब्जियां इम्यूनिटी पावर बढ़ाने से लेकर शरीर को गर्माहट व ज़रूरी पोषक तत्व देते है। इन्ही में से एक अमरूद है।

अमरूद सिर्फ एक आम फल नहीं बल्कि सेहत का खजाना है। सर्दियों में खाया जाने वाला यह फल आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों की नजर में बेहद गुणकारी माना जाता है। आयुर्वेद इसे सिर्फ स्वाद के लिए नहीं, बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य के प्रतीक के रूप में देखता है।
पोषक तत्वों से भरपूर अमरूद

अमरूद की सबसे बड़ी खासियत है इसका पोषण। इसमें विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है, जो शरीर की इम्युनिटी को मजबूत करता है, त्वचा को चमक देता है और संक्रमणों से लड़ने में मदद करता है। इसके अलावा, इसमें फाइबर, पोटैशियम और कई जरूरी एंटीऑक्सिडेंट होते हैं। यही वजह है कि इसे आजकल सुपरफ्रूट भी कहा जा रहा है।
सेल डैमेज से बचाने की भी शक्ति

वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि अमरूद में पाए जाने वाले लाइकोपीन, पॉलीफेनोल्स और क्वेरसेटिन शरीर को सूजन, संक्रमण और सेल-डैमेज से बचाते हैं। ये तत्व शरीर की कोशिकाओं की रक्षा करते हैं।
पाचन के लिए फायदेमंद

जिन लोगों को कब्ज या पेट की दिक्कत रहती है, उनके लिए अमरूद बहुत फायदेमंद है. इसका फाइबर पाचन को सुधारता है और पेट को हल्का रखता है। इतना ही नहीं आयुर्वेद अमरूद को शरीर में अग्नि संतुलित करने वाला फल कहता है। इसका मतलब है कि यह पाचन शक्ति को मजबूत करता है और शरीर में ऊर्जा का सही संतुलन बनाए रखता है।
हर हिस्से में औषधि भरा

आयुर्वेद में अमरूद सिर्फ फल तक सीमित नहीं है। इसका हर हिस्सा औषधि माना गया है. इसके पत्तों का काढ़ा दांत दर्द, मुंह के छाले, डायरिया और महिलाओं में कुछ विशेष समस्याओं में लाभकारी बताया गया है। इसकी छाल और जड़ पेट की कमजोरी और उल्टी जैसी परिस्थितियों में उपयोगी मानी जाती है।

डायबिटीज बीपी रहेगा कंट्रोल

मधुमेह और हाई ब्लड प्रेशर में भी अमरूद संतुलन लाने का काम करता है। मधुमेह के मरीजों के लिए यह इसलिए अच्छा है क्योंकि इसमें शुगर कम और फाइबर ज्यादा होता है, जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है। वहीं, पोटैशियम हार्ट को स्वस्थ रखता है और ब्लड प्रेशर कंट्रोल करता है।

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