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कौन हैं रंजना प्रकाश देसाई, जो 8वें वेतन आयोग की बनीं अध्यक्ष; सैलरी बढ़ोतरी का करेंगी सिफारिश

लंबे समय से आठवें वेतन आयोग की राह देखकर करोड़ों सरकारी कर्मचारियों के लिए मंगलवार को एक राहत भरी खबर आई। दरअसल, केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन का अधिकारिक रूप से ऐलान कर दिया है, जो लाखों  लोगों की आमदनी और भत्तों की अहम सिफारिश देगा। नए वेतन आयोग में तीन अनुभवी व्यक्तियों को ये अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है।

कैबिनेट द्वारा गठित 8वें वेतन आयोग का अध्यक्ष न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई को बनाया गया है, जबकि आईआईएम बैंगलोर के प्रोफेसर पुलक घोष और मिनिस्ट्री ऑफ पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस के सचिव पंकज जैन सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है। मंगलवार को जब सरकार ने रंजना देसाई को अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी, तब से लोग उनके बारे में जानना चाहते हैं। तो आइए जानते हैं रंजना देसाई के बारे में, जो नए वेतन आयोग की मुखिया हैं।

आठवें वेतन आयोग की अध्यक्ष रंजना प्रकाश देसाई का जन्म 30 अक्टूबर, 1949 में महाराष्ट्र के मुंबई में हुआ था। गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से वे एलएलबी की पढ़ाई की हैं। साल 1996 में देसाई बॉम्बे हाईकोर्ट में जज बन गई थीं। उसके बाद उन्होंने 2011 से लेकर 2014 तक सुप्रीम कोर्ट की जज के रूप में अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। रंजना प्रकाश देसाई परिसीमन आयोग का भी नेतृत्व कर चुकी हैं। गुजरात सरकार ने उनकी सेवाएं ली थीं। उन्हें समान नागरकि संहिता लागू करने के लिए सिफारिशें देने वाली समीति का अध्यक्ष बनाया गया था। रंजना अपने पिता एसजी सामंत के साथ भी काम कर चुकी हैं, जो एक मशहूर क्रिमिनल लॉयर थे। 1779 में उन्हें सरकारी वकील नियुक्त किया गया।

रंजना प्रकाश देसाई रिटायरमेंट के बाद भी कई बड़े पदों पर रही हैं। 2014 से 2017 तक वो अपीलेट ट्रिब्यूनल फॉर इलेक्ट्रिसिटी की चेयरपर्सन रहीं, जहां बिजली से जुड़े झगड़ों का फैसला करती थीं। फिर 2018-19 में इनकम टैक्स की एडवांस रूलिंग अथॉरिटी की हेड बनीं। 2019 में लोकपाल चुनने वाली सर्च कमिटी की चेयरपर्सन रहीं और चेयरमैन-मेंबर्स के नाम सुझाए।

असम के एनआरसी (Assam NRC) तैयार करने वाली कमेटी में भी सदस्य रहीं। 2022 में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (Press Council of India) की पहली महिला चेयरपर्सन बनीं, जहां प्रेस की आजादी और सही रिपोर्टिंग पर नजर रखती हैं। उसी साल उत्तराखंड यूसीसी कमेटी (Uttarakhand UCC) की हेड रहीं, जिन्होंने यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट बनाया और 2024 में कानून बन गया।

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