अयोध्या ब्यूरो रिपोर्ट | आज अयोध्या में 500 वर्षों बाद ‘राम वाली दिवाली’ का आयोजन किया जा रहा है, जो इस पवित्र नगरी के लिए एक विशेष अवसर है. भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली दिवाली है, और इसलिए इस बार तैयारियां भव्य और दिव्य रूप में की गई हैं. राम मंदिर की भव्यता और उसकी आभा इस पर्व के दौरान देखने के लिए तैयार है. दीपोत्सव की रौनक से अयोध्या की हर गली और चौराहा रोशनी में नहाया हुआ है, और सरयू नदी के घाट भी आज 28 लाख दीयों से जगमगाने को तैयार हैं. शाम छह बजे से दीप जलना प्रारंभ हो जाएगा.
इस वर्ष, अयोध्या के घाटों पर 28 लाख दीयों को जलाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 25 लाख दीयों का प्रज्वलन गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए किया जाएगा. मंगलवार शाम तक तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया, और दीयों की गिनती के लिए 30 सदस्यीय टीम ने ड्रोन तकनीक का उपयोग किया. खास बात यह है कि घाट नंबर 10 पर स्वस्तिक के आकार में 80,000 दीये सजाए गए हैं, जो शुभता का प्रतीक है.
सुरक्षा व्यवस्था और आयोजन की व्यवस्थाएं
अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए, शहर में लगभग 10,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. राम की पैड़ी की ओर जाने वाले 17 मार्गों को जनता के लिए बंद कर दिया गया है, ताकि केवल पास धारक ही प्रवेश कर सकें. नोडल अधिकारी संत शरण मिश्र ने बताया कि घाटों पर 5000-6000 लोगों की मेजबानी की व्यवस्था की गई है, और अन्य लोगों के लिए कार्यक्रम को लाइव देखने के लिए 40 जंबो एलईडी स्क्रीन लगाई गई हैं.
दीपोत्सव के दौरान भगवान राम के चरित्र की झांकियां भी सजेंगी और शहर में भ्रमण करेंगी. पर्यटन विभाग ने अयोध्या को सजाने के लिए विभिन्न एजेंसियों को जिम्मेदारी सौंपी है. इस बार प्रदूषणमुक्त ग्रीन आतिशबाजी का आयोजन किया जाएगा, जो 120 से 600 फीट की ऊंचाई तक आसमान में बिखरेगी, जिसे 5 किमी के दायरे में लोग आसानी से देख सकेंगे. शाम को सरयू पुल पर लेजर शो, फ्लेम शो और संगीत का संगम भी प्रस्तुत किया जाएगा.
राम राज्याभिषेक की झांकी साकेत महाविद्यालय से निकलनी है. परिसर में झांकी निर्माण युद्ध स्तर पर चल रहा है. कुल 49 मूर्तियां और 19 रथ तैयार किए जा रहे हैं.