महाराष्ट्र ब्यूरो रिपोर्ट | भारत की चुनावी राजनीति में महाराष्ट्र कफी अहम है. लोकसभा और विधानसभा सीटों के लिहाज से यह राज्य बड़े प्रदेशों में से एक है. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होना है, ऐसे में सियासी सरगर्मी चरम पर है.
इस बार का विधानसभा मुख्य तौर पर दो धड़ों के बीच है. एक तरफ सत्तारूढ़ महायुति है तो दूसरी तरफ महाविकास अघाड़ी यानी MVA. दोनों राजनीतिक गुटों में तीन-तीन राजनीतिक दल शमिल हैं. महायुति के प्रमुख घटक दल बीजेपी के दिग्गज नेता और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के एक दावे से चुनावी राज्य महाराष्ट्र की सियासत गर्मा गई है. फडणवीस ने कहा कि कांग्रेस के कई नेता बीजेपी में शामिल होने के लिए तैयार हैं…मुझसे बस उनका नाम मत पूछिएगा.
दरअसल, कांग्रेस नेता रवि राजा बीजेपी में शामिल हो गए. विपक्षी कांग्रेस के लिए इसे बड़ा झटका माना जा रहा है. इस मौके पर देवेंद्र फडणवीस ने चौंकाने वाला दावा किया है. डिप्टी सीएम फडणवीस ने कहा, ‘रवि राजा के साथ-साथ कई कांग्रेस नेता हमारे संपर्क में आ रहे हैं और वे भाजपा में शामिल होना चाहते हैं. जल्द ही वे कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होंगे. मुझसे नाम मत पूछिए, लेकिन आने वाले दिनों में कांग्रेस के कई नेता हमारे साथ आएंगे.’ देवेंद्र फडणवीस के दावे से महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में हलचल मची हुई है. साथ ही इससे एक और संकेत मिलता है कि आने वाले दिनों में महाराष्ट्र में पाला बदलने वाले नेताओं की संख्या बढ़ सकती है.
महराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तिथियों का ऐलान होने के साथ ही महायुति और एमवीए में सीट बंटवारे की प्रक्रिया भी शुरू हो गई थी. अब लगभग पूरी हो चुकी है, लेकिन कुछ सीटों पर अभी भी पेच फंसा हुआ है. माहिम विधानसभा सीट उनमें से एक है. बता दें कि यहां से एमएनएस सुप्रीमो राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे चुनावी मैदान में हैं. दूसरी तरफ, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेमे वाली शिवसेना ने भी यहां से उम्मीदवार उतार दिया है. दिलचस्प बात यह है कि देवेंद्र फडणवीस खुलेआम कह चुके हैं कि वह माहिम सीट पर राज ठाकरे के बेटे का समर्थन करने की आपनी बात पर अडिग हैं. इस विवाद पर फडणवीस ने कहा, ‘हम माहिम विधानसभा क्षेत्र में राज ठाकरे को समर्थन देने का तरीका तलाश रहे हैं. हमें उम्मीद है कि जल्द ही कोई समाधान निकलेगा. जहां तक उत्तर भारतीय लोगों में राज ठाकरे के विरोध का सवाल है, हमने लोकसभा चुनाव के दौरान ही स्पष्ट कर दिया था कि राज ठाकरे ने हिंदुत्व का रास्ता अपनाया है.’