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सऊदी में ही दफन होंगे उमरा पर गए 45 भारतीयों के शव…मुआवजा भी मुश्किल, बस-टैंकर टक्कर में हुई थी मौत

सऊदी अरब के मक्का-मदीना हाईवे पर हुए भीषण बस हादसे ने भारत के कई परिवारों को गहरा सदमा पहुंचाया है। यह दुर्घटना तब हुई जब उमरा के लिए जा रही यात्रियों से भरी एक बस को पीछे से एक तेज रफ्तार फ्यूल टैंकर ने टक्कर मार दी। इस भयानक हादसे में 45 भारतीय नागरिकों की जान चली गई, जिनमें महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल थे और इनमें से अधिकतर हैदराबाद के रहने वाले थे। इस दुखद घटना के बाद तेलंगाना मंत्रिमंडल ने एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील फैसला लिया है कि मारे गए लोगों के पार्थिव शरीर को अब भारत नहीं लाया जाएगा।

सऊदी में ही होगा अंतिम संस्कार, भारत नहीं लाए जाएंगे शव

तेलंगाना सरकार ने घोषणा की है कि बस हादसे में जान गंवाने वाले 45 भारतीय तीर्थयात्रियों के शवों को उनके धार्मिक रिवाजों के अनुसार सऊदी अरब में ही दफनाया जाएगा। यह निर्णय सऊदी अरब के कानून और हज एवं उमरा मंत्रालय के नियमों को देखते हुए लिया गया है। नियमों के मुताबिक, जो तीर्थयात्री यात्रा शुरू करने से पहले घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करते हैं, उनकी मृत्यु सऊदी की जमीन पर होने पर शवों को वहीं दफनाया जाता है।

सरकार ने पीड़ित परिवारों के लिए एक भावुक कदम उठाया है। हर मृतक परिवार से दो सदस्यों को अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सऊदी अरब भेजा जाएगा। भारत सरकार रियाद में भारतीय दूतावास के जरिए स्थानीय अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है ताकि सभी औपचारिकताओं को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके।

मुआवजे की राह मुश्किल और लंबी

मृतक परिवारों को तुरंत मुआवजा मिलना भी काफी कठिन है। सऊदी अरब में सड़क दुर्घटनाओं में सरकार की ओर से कोई सीधा मुआवजा नहीं दिया जाता। मुआवजा तभी मिल सकता है जब पुलिस की जांच में यह साबित हो जाए कि दुर्घटना टैंकर ड्राइवर या उसकी कंपनी की गलती से हुई थी। गलती साबित होने के बाद भी परिवार को कानूनी दावा दायर करना होगा। यह पूरी कानूनी प्रक्रिया काफी लंबी हो सकती है और इसे पूरा होने में कई महीने लग सकते हैं। फिलहाल तेलंगाना सरकार ने मृतक परिवारों को सांत्वना के रूप में 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है।

कैसे हुआ दर्दनाक बस हादसा?

यह हादसा भारतीय समयानुसार रविवार देर रात लगभग 1:30 बजे मदीना से करीब 25 किलोमीटर दूर मुहरास के पास हुआ था। उमरा यात्रियों से भरी बस रास्ते में किनारे खड़ी थी, तभी पीछे से आए एक तेज रफ्तार फ्यूल टैंकर ने उसे जोरदार टक्कर मार दी। उस समय बस में सवार कई यात्री सो रहे थे, जिससे उन्हें बचने का कोई मौका नहीं मिला।
बस में कुल 46 लोग सवार थे। मृतकों में 18 महिलाएं, 17 पुरुष और 10 बच्चे शामिल हैं। इस हादसे में केवल एक भारतीय यात्री, मोहम्मद अब्दुल शोएब (24 वर्ष) ही जिंदा बचे हैं, जो ड्राइवर के पास बैठे थे।

केंद्र सरकार का रुख और ओवैसी की अपील

हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार से शवों को जल्द से जल्द भारत लाने की अपील की थी, उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी इस बारे में बात की थी।

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर दोनों ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि रियाद में भारतीय वाणिज्य दूतावास पीड़ितों को हर संभव मदद दे रहा है और हमारे अधिकारी सऊदी अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं।

विदेश मंत्री जयशंकर ने भी कहा कि हमारा दूतावास प्रभावित भारतीय नागरिकों और उनके परिवारों को पूरी सहायता दे रहा है।

उमरा क्या होता है?

उमरा एक इस्लामी तीर्थयात्रा है जो साल के किसी भी समय की जा सकती है। इसे ‘छोटा हज’ भी कहा जाता है। हज की तरह इसकी कोई निश्चित तारीख नहीं होती और मुसलमान इसे अपनी सुविधानुसार जितनी बार चाहें कर सकते हैं।

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