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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के धुले में चुनावी रैली में विपक्षियों पर जमकर निशाना साधा ..

महाराष्ट्र ब्यूरो रिपोर्ट | पीएम मोदी ने महाराष्ट्र के धुले में चुनावी रैली को संबोधित कर चुनाव प्रचार का आगाज किया, ‘महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन ने विधानसभा चुनाव में भाजपा नित एनडीए की विजय का शंखनाद कर दिया है। विकसित महाराष्ट्र-विकसित भारत के लिए हमारी बहनों-बेटियों का जीवन आसान बनाना, उन्हें सशक्त करना बहुत जरूरी है। जब महिलाएं आगे बढ़ती हैं, तो पूरा समाज तेजी से प्रगति करता है। इसलिए, पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार ने महिलाओं को केंद्र में रखकर बड़े फैसले लिए हैं।’

उन्होंने सभा में आई जनता आभार जताया और इसके बाद महाविकास अघाड़ी (एमवीए) पर जमकर बरसे।

जब भी मांगा दिल खोलकर मिला: पीएम
उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र से मैंने जब भी कुछ मांगा है, महाराष्ट्र के लोगों ने दिल खोलकर मुझे अपना आशीर्वाद दिया है। 2014 के विधानसभा चुनाव में मैं आपके बीच यहां धुले आया था। मैंने आपसे महाराष्ट्र में भाजपा सरकार के लिए आग्रह किया था। आपने महाराष्ट्र में 15 साल के सियासी कुचक्र को तोड़कर भाजपा को अभूतपूर्व जीत दिलाई थी। आज मैं एक बार फिर यहां धुले की धरती पर आया हूं। धुले से ही मैं महाराष्ट्र में चुनाव अभियान की शुरुआत कर रहा हूं।’

उन्होंने कहा, ‘भाजपा ने हमेशा ‘सबका साथ-सबका विकास’ की नीयत से काम किया है। इस संकल्प का प्रमुख हिस्सा हमारा आदिवासी समाज भी है। ये वो समाज है, जिनका देश की आजादी में, देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। लेकिन कांग्रेस और उसके साथियों ने कभी आदिवासी गौरव, आदिवासी स्वाभिमान पर ध्यान नहीं दिया।’

कांग्रेस और अघाड़ी वाले लोग…
उन्होंने आगे कहा, ‘पूरा महाराष्ट्र देख रहा है कि कांग्रेस और अघाड़ी वाले लोग अब महिलाओं को किस तरह गाली देने पर उतर आए हैं। कैसी-कैसी अभद्र भाषा, कैसे-कैसे कमेंट, महिलाओं को नीचा दिखाने की कोशिश। महाराष्ट्र की कोई माता-बहन कभी भी अघाड़ी वालों के इस कृत्य को माफ नहीं कर सकती।’

उन्होंने आगे कहा, ‘महिला सशक्तिकरण के लिए हमारी सरकार जो कदम उठा रही है, वह कांग्रेस और उसके गठबंधन को बर्दाश्त नहीं हो रहा है। महायुति सरकार की लाडकी बहन योजना की चर्चा सिर्फ़ महाराष्ट्र में ही नहीं बल्कि पूरे देश में हो रही है, लेकिन कांग्रेस इसे रोकने के लिए तरह-तरह की साजिशें रच रही है। कांग्रेस के इकोसिस्टम के लोग इस योजना के खिलाफ़ कोर्ट भी जा चुके हैं। कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने ठान लिया है कि अगर उन्हें सत्ता मिली तो वे इस योजना को बंद कर देंगे…”

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