रायपुर. छत्तीसगढ़ शासन की किसान हितैषी नीतियाँ, सुशासन और पारदर्शी व्यवस्थाएँ इस वर्ष धान खरीदी प्रक्रिया में उल्लेखनीय परिणाम दे रही हैं। बेमेतरा जिला प्रशासन द्वारा की गई उत्कृष्ट तैयारियाँ, ऑनलाइन टोकन प्रणाली, गुणवत्तापूर्ण बारदाना, परिवहन एवं भुगतान व्यवस्था ने किसानों को सहज, सुचारू और सुविधाजनक खरीदी का अनुभव प्रदान किया है। कलेक्टर श्री रणवीर शर्मा द्वारा लगातार समितिवार समीक्षा एवं खरीदी केंद्रों की नियमित मॉनिटरिंग ने पूरे तंत्र को और अधिक प्रभावी बनाया है। प्रशासन की सक्रियता और समिति प्रबंधकों के सहयोग से जिले में धान खरीदी प्रक्रिया किसानों के लिए बेहद सरल, पारदर्शी और भरोसेमंद बन रही है।
आज धान खरीदी के चौथे दिन लोलेसरा उपार्जन केंद्र में अपनी फसल बेचने पहुंचे किसान श्री खम्मम वर्मा ने कुल 112.40 क्विंटल धान बेचकर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि 60 साल की उम्र में पहली बार इतनी व्यवस्थित और सुविधाजनक धान विक्रय व्यवस्था देखने को मिली है। उन्होंने बताया कि पहले टोकन लेने के लिए लंबी कतारों और कई दिनों के इंतजार का सामना करना पड़ता था, लेकिन इस वर्ष शासन द्वारा शुरू की गई ऑनलाइन टोकन व्यवस्था किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। अब किसान घर बैठे मोबाइल से टोकन प्राप्त कर समय और श्रम दोनों की बचत कर पा रहे हैं।
श्री वर्मा ने छत्तीसगढ़ शासन और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति परिवार सहित आभार जताते हुए कहा कि इस वर्ष की खरीदी प्रक्रिया वास्तव में किसानों के हितों को प्राथमिकता देने वाली है। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में जिले भर के खरीदी केंद्रों में सुविधाओं को और अधिक मजबूत किया गया है। बारदाना, परिवहन, तौल और भुगतान प्रक्रिया को प्राथमिकता के साथ संचालित किया जा रहा है ताकि सभी किसानों को समय पर और सुगमता से धान विक्रय का लाभ मिल सके।
किसान खम्मम वर्मा ने आगे बताया कि उपार्जन केंद्रों में अच्छी गुणवत्ता के बारदाने उपलब्ध कराए जा रहे हैं तथा अधिकारियों की नियमित उपस्थिति से वातावरण शांतिपूर्ण, अनुशासित और भरोसेमंद बना हुआ है। उन्होंने कहा कि ‘टोकन तुहर हाथ’ मोबाइल एप की सुविधा ने खरीदी प्रक्रिया को अत्यंत सरल, पारदर्शी और किसानों के लिए अत्यधिक उपयोगी बना दिया है। जिला प्रशासन की कड़ी मॉनिटरिंग, सुशासन और किसान-हितैषी पहल के परिणामस्वरूप इस वर्ष बेमेतरा जिले में धान खरीदी व्यवस्था पहले से कहीं अधिक सुव्यवस्थित, पारदर्शी और किसान केंद्रित बनकर उभरी है।










