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टांडा अस्पताल में मानसिक स्वास्थ्य उत्कृष्टता केंद्र जल्द होगा चालू,प्रत्येक छह मरीजों पर एक स्टाफ नर्स तैनात की जाएगी,विभिन्न विशेषज्ञों के पदों को भरने की मंजूरी

हिमाचल प्रदेश ब्यूरो रिपोर्ट। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) और डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आरपीजीएमसीएच) टांडा की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सरकार राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में पर्याप्त बुनियादी ढांचे का निर्माण करेगी और मौजूदा संसाधनों को मजबूत करेगी। उन्होंने इन संस्थानों में विशेषज्ञ डॉक्टरों और कर्मचारियों की पर्याप्त तैनाती की आवश्यकता पर भी बल दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों के अलावा भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य संस्थानों को उन्नत किया जाना चाहिए और तदनुसार संसाधनों का सृजन किया जाना चाहिए। उन्होंने मेडिकल कॉलेजों में स्नातकोत्तर सीटों की संख्या बढ़ाने और कमियों की पहचान कर उन्हें दूर करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक छह मरीजों पर एक स्टाफ नर्स तैनात की जाएगी। डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज, टांडा में चल रहे कार्यों और विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टरों से परामर्श के लिए प्रतीक्षा समय को कम किया जाएगा, जबकि परामर्श अवधि को बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने लोगों की सुविधा के लिए पंजीकरण काउंटरों की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टांडा में 100 बिस्तरों की क्षमता वाला ‘मानसिक स्वास्थ्य उत्कृष्टता केंद्र’ विकसित किया जा रहा है, जो जल्द ही चालू हो जाएगा और यहां बीएससी नर्सिंग की कक्षाएं भी शुरू की जाएंगी। बैठक में बताया गया कि वर्ष 2023 में टांडा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 605,489 रोगियों का उपचार किया गया, जिसमें मेडिसिन यूनिट द्वारा 72069, ऑर्थोपैडिक्स द्वारा 56124 और सामान्य सर्जरी में 25856 रोगियों का उपचार किया गया। मुख्यमंत्री ने टांडा मेडिकल कॉलेज में विशेषज्ञ डॉक्टरों, पैरामेडिक्स और अन्य श्रेणियों सहित विभिन्न पदों को भरने की मंजूरी दी। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज, शिमला की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने लोगों को विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न पदों को भरने और सृजन करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्वास्थ्य संस्थानों से संबंधित सभी निर्णय जन कल्याण के व्यापक दृष्टिकोण के साथ लिए जाने चाहिए। उन्होंने कॉलेज में विभिन्न भवनों के रखरखाव के लिए अतिरिक्त बजटीय प्रावधानों का आश्वासन दिया।

इसमें बताया गया कि 2023 में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज ने विभिन्न विभागों जैसे मेडिसिन, ऑर्थो, सर्जरी आदि में 872,829 मरीजों का इलाज किया था। मरीजों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधाएं और देखभाल प्रदान करने के लिए शिमला के चमयाना में अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशियलिटीज को भी मजबूत किया जा रहा है।

स्वास्थ्य मंत्री डा. (कर्नल) धनी राम शांडिल, कृषि मंत्री चंद्र कुमार, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष भवानी सिंह पठानिया, विधायक संजय रतन, मलेंद्र राजन और हरीश जनारथा, सचिव स्वास्थ्य एम. सुधा देवी, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।

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