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महाराष्ट्र में बाढ़ से तबाही! 10 लोगों की मौत, बांधों से छाेड़ रहे पानी, CM फडणवीस ने दिए ये निर्देश

महाराष्ट्र में हुई तूफानी बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं। ओवरफ्लो हुए बांधों ने भी कहर ढाया है। इस विकट आपदा ने किसानों और आम जनता को तबाह कर दिया है। हजारों एकड़ कृषि भूमि, फसल और बगीचे बर्बाद हो गए हैं।

महाराष्ट्र में पिछले 48 घंटों में बारिश-बाढ़ से 10 लोगों की जान चली गई। नासिक जिले में 4, धाराशिव और अहिल्यानगर में 2-2 और जालना व यवतमाल में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई। इस स्थिति को देखते हुए सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों की समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को लोगों की मदद के लिए जरूरी निर्देश दिए।
मराठवाड़ा में बाढ़ के हालात

मराठवाड़ा के छत्रपति संभाजीनगर, जालना, बीड, लातूर, नांदेड़, हिंगोली, जलगांव और परभणी में कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालात हैं। बांध और नदियां उफान पर हैं। कई गांवों से संपर्क टूट गया है। अब तक 24,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
आर्थिक संकट में किसान

पिछले कुछ दिनों से राज्य में हुई भारी बारिश से विदर्भ, मराठवाड़ा और खानदेश में भारी नुकसान पहुंचा है। खरीफ सीजन की फसलें बर्बाद होने से किसान भारी आर्थिक संकट में फंस गए हैं। किसान सरकारी मदद की आस लगाए बैठे हैं। कर्ज लेकर फसल उगाने वाले किसानों में भारी आक्रोश है।
इन जिलों को मिलेगी राहत

मौसम विभाग ने मंगलवार से बारिश कम रहने का पूर्वानुमान व्यवत किया है। मुंबई, ठाणे, पालघर, रायगढ़, सिंधुदुर्ग, धुले, नासिक, नंदुरबार, जलगांव, अहिल्यानगर, पुणे, कोल्हापुर, सातारा, सांगली, सोलापुर, संभाजीनगर, जालना, बाराशिव में घाट परिया को छोड़कर राहत मिलने की संभावना है।
इन जिलों में यलो अलर्ट

नांदेड, हिंगोली, लातूर, अकोला, अमरावती, भंडारा, बुलढाना, चंद्रपुर, गड़चिरोली, गोंदिया, नागपुर, वर्षों, यवतमाल और वाशिम जिलों के लिए 3 अक्टूबर तक के लिए अलग-अलग दिनों का बारिश का येली अलर्ट जारी किया गया है।
आपदा प्रबंधन प्रणालियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश

सीएम फडणवीस ने बाढ़ प्रभावित मराठवाड़ा के हालात की समीक्षा की। उन्होंने जायकवाड़ी सहित राज्य के विभिन्न बाधों से छोड़े जाने वाले पानी को लेकर सभी जिलाधिकारियों की आपदा प्रबंधन प्रणालियों को अलर्ट पर रखने का निर्देश दिया।

इन बांधों से छोड़ा जा रहा पानी

राज्य के विभिन्न बांध ओवरफ्लो होकर बह रहे हैं। परभणी के येलदारी बांध से 29,400 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। मंजारा और तेरना नदी का जलस्तर कम होने लगा है। पश्चिमी महाराष्ट्र में हालात स्थिर हैं। उजनी बांध से 75 हजार क्यूसेक और सिना कोलेगांव से 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।

नासिक के गंगापुर बांध से 11 हजार क्यूसेक और मुला बांध से 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। बारिश की तीव्रता कम होने के कारण बांधों से छोड़े जाने वाले पानी में कमी आ रही है। कोंकण क्षेत्र की नदियां वर्तमान में चेतावनी स्तर से नीचे बह रही हैं।
केले, कपास की फसल बर्बाद

जलगांव जिले में बाढ़ से बड़ा नुकसान हुआ है। चालीसगांव तहसील में फसलें बर्बाद हो गई हैं। केले और कपास की फसलें खेतों में ही सड़ गई, धाराशिव जिले के पारंदा तहसील में भी स्थिति बिगड़ी हुई है। पारंदा, करमाला, बारशी जैसे शहर को जोड़ने वाले सभी मुख्य मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं।

आवार पिंपरी, सोनगिरी, सरनवाड़ी में पुलों के ऊपर से पानी बह रहा है। कई गांवों से संपर्क टूट गया है। इसीतरह अलग-अलग जिलों में अनार, अंगूर, संतरे जैसे बागान और सब्जियों की फसल बर्बाद हो गई है।

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