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लंबे समय तक रहने वाली थकान और कमजोरी की ऐसे होगी जांच, ब्लड टेस्ट में पता चलेगी असली बीमारी

वैज्ञानिकों ने चिकित्सा जगत में एक बड़ी सफलता हासिल करने का दावा किया है, जिससे क्रोनिक थकान सिंड्रोम (Chronic Fatigue Syndrome- CFS) का पता लगाना अब आसान हो जाएगा। पहली बार, एक ऐसी खून की जांच (ब्लड टेस्ट) विकसित की गई है जो इस रहस्यमय बीमारी का पता लगा सकती है। ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि इस ब्लड टेस्ट के माध्यम से क्रोनिक थकान सिंड्रोम, जिसे मायाल्जिक एन्सेफेलोमाइलाइटिस (Myalgic Encephalomyelitis) भी कहा जाता है, की पहचान करने में मदद मिलेगी।अभी तक थकान की इस बीमारी का कोई पक्का इलाज या टेस्ट नहीं था, जिसके कारण डॉक्टर केवल अंदाजा लगाकर ही उपचार कर पाते थे। यह नया टेस्ट उन लोगों के लिए एक बड़ी राहत है जो लंबे समय तक थकान और कमजोरी से जूझते रहे हैं।

यह ब्लड टेस्ट न केवल इस बीमारी की पहचान करता है, बल्कि यह बेहद सटीक भी है। वैज्ञानिकों को इस जांच की सटीकता 96% से ज्यादा पायी गई है। इस उच्च सटीकता दर के कारण अब बीमारी की पहचान करना बहुत आसान हो जाएगा। वैज्ञानिकों ने बताया कि यह टेस्ट रक्त में होने वाले एपिजेनेटिक बदलावों को जांच करके क्रोनिक थकान सिंड्रोम का पता लगाता है। विशेष रूप से, इस टेस्ट में रक्त की रोग-प्रतिरोधक कोशिकाओं (Immune Cells) में होने वाले परिवर्तनों की जांच की जाती है। इन कोशिकाओं में होने वाले बदलाव ही यह इंगित करते हैं कि व्यक्ति क्रोनिक थकान सिंड्रोम से ग्रसित है या नहीं।

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क्या है क्रोनिक थकान सिंड्रोम बीमारीक्रोनिक थकान सिंड्रोम (CFS) या एमई एक जटिल बीमारी है जिसके कई गंभीर लक्षण होते हैं जो व्यक्ति के जीवन और कार्यशैली को बुरी तरह प्रभावित करते हैं। इसके कई लक्षण हैं, जिसके जरिए इस बीमारी को महसूस किया जा सका है….1. बहुत ज्यादा थकान: यह थकान इतनी अधिक होती है कि केवल आराम करने से यह दूर नहीं होती है।2. पोस्ट-एक्सर्शनल अस्वस्थता: थोड़ा सा भी मानसिक या शारीरिक काम करने के बाद अत्यधिक थकान महसूस होना।3. नींद की समस्या: ठीक से नींद पूरी नहीं हो पाना भी इस बीमारी का एक अहम कारण बन रहा है।4. संज्ञानात्मक दिक्कतें: मरीज़ों को अपनी याददाश्त, ध्यान केंद्रित करने और सोचने-समझने में दिक्कतें आने लगती हैं।5. शारीरिक दर्द: इसके अलावा, मांसपेशियों या जोड़ों में दर्द, सिर दर्द और अन्य संक्रमणों का अनुभव भी हो सकता है।

वैज्ञानिकों द्वारा विकसित यह नया ब्लड टेस्ट, क्रोनिक थकान सिंड्रोम से जूझ रहे लोगों के लिए एक सटीक निदान का मार्ग प्रशस्त करता है, जिससे उनके उपचार की प्रक्रिया आसान होगी और जल्द से जल्द राहत भी मिलेगी.

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