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बारिश के कारण उत्तराखंड में पहाड़ों का धंसना जारी, आपदा के बाद से लगभग 520 सड़के

ब्यूरो रिपोर्ट. उत्तराखंड में धीरे-धीरे पहाड़ धंस रहे हैं जिससे आसपास बसे गांव की चिंता बढ़ने लगी है. कई लोग घर छोड़ने को मजबूर हैं. प्रदेश में आई आपदा के बाद से लगभग 520 सड़के हैं जो अभी भी बंद पड़ी हैं जिन्हें खोलने का प्रयास किया जा रहा है.

राज्य में लगातार हो रही बारिश के कारण पहाड़ के गांव पर बड़ा खतरा मंडराने लगा है. चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी और पौड़ी गढ़वाल जिले में कई गांव में जमीन धंसने लगी है. इन गांव में घरों में बड़ी-बड़ी दरारें भी आ गई हैं जो कि एक बड़े खतरे का संकेत है.

दहशत में आए कई लोगों ने रातों-रात अपने घर छोड़ दिए हैं, जबकि कई गांव में प्रशासन ने ही लोगों को घर खाली कर सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा हैl. हालात और चिंताजनक इसलिए हो गए हैं क्योंकि गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे समेत कई महत्वपूर्ण सड़कें नीचे की ओर धंसने लगी हैं.

प्रदेश में सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए 15 सितंबर से अभियान शुरू होने वाला है. इसको लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पीडब्ल्यूडी व अन्य विभागों को दिशा निर्देश दे दिए हैं. इसको लेकर पीडब्ल्यूडी का कहना है कि 31 अक्टूबर तक सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है.

लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज पांडे के मुताबिक बंद सड़कों को खोलने का उसी दिन का लक्ष्य है, लेकिन लगातार भारी बारिश की वजह से यह संभव नहीं हो पा रहा है. विभाग की पूरी टीम बंद सड़कों को खोलने के काम में लगी है. देखने में आ रहा है कि सड़क के खुलने के बाद बारिश होने पर फिर से सड़क बंद हो रही है. 

इसके बावजूद जल्द से जल्द सभी बंद सड़कों को खोलने का प्रयास किया जा रहा है. प्रदेश में 520 सड़कें बंद हैं. लोक निर्माण विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें विभाग के तहत पांच राष्ट्रीय राजमार्ग, 27 राज्य मार्ग, 17 मुख्य जिला, आठ अन्य जिला एवं 164 ग्रामीण मार्ग शामिल हैं. इनमें पौड़ी जिले में 71, टिहरी में 43, चमोली में 53, रुद्रप्रयाग में 43, उत्तरकाशी में 65, देहरादून में 49, हरिद्वार में पांच, पिथौरागढ़ में 51, चंपावत में जो, अल्मोड़ा में 86.

बागेश्वर में 12, नैनीताल में 32, उधम सिंह नगर जिले में एक सड़क बंद है. लोक निर्माण विभाग, बीआरओ 779 मशीन लगाई गई है. फिलहाल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश लोगों का जीना मुश्किल किए हुए है.

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