पटना ब्यूरो रिपोर्ट। बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की विधायकी पर खतरा मंडरा रहा है। दरअसल, जनता दल यूनाइडेट ने तेजस्वी पर सैलरी घोटाले का आरोप लगाया है। JDU ने निर्वाचन आयोग को 700 पन्नों का दस्तावेज सौंपा है। जिसके बाद प्रदेश की सियासत में हलचल बढ़ गई है।
जेडीयू के एमएलसी और मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने राज्य निर्वाचन आयोग में ज्ञापन सौंपा हैं। उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से पारित किए गए फैसले के खिलाफ तेजस्वी यादव ने हलफनामा दिया है। तेजस्वी के हलफनामे से भ्रष्टाचार साफ दिख रहा है। नीरज कुमार ने कहा कि लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला में सजायाफ्ता हैं और अब तेजस्वी यादव सैलरी घोटाला कर रहे हैं। विधायक को 40 हजार सैलरी मिलती है, लेकिन विपक्ष के नेता और उपमुख्यमंत्री को कैबिनेट का दर्जा मिलता है और तेजस्वी ने अपने हलफनामे में अपनी आय 11 हजार 500 रुपये बताया है।
तेजस्वी यादव को सालाना 12 से 13 लाख रुपये सैलरी मिल रही है और यह एक करोड़ लोन दे रहे हैं। एक अन्य हलफनामा में तेजस्वी ने बताया है कि यह 3 करोड़ लोन दे चुके हैं। हलफनामा से साफ पता चलता है कि तेजस्वी की मंशा तथ्यों को छुपाना था। नीरज ने कहा कि वे ED से बचने के लिए पैतरा अपना रहे हैं। 700 पन्नो के दस्तावेज में हमने आयोग से कहा है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत उन पर कार्रवाई की जाए। यह एक भ्रष्ट आचरण है, SC के पूर्ण पीठ ने यह न्यायिक आदेश दिया है। वहीं उन्होंने कहा कि जांच में अगर तेजस्वी यादव दोषी पाए जाते हैं तो उनकी सदस्यता चली जाएगी।