बांग्लादेश के हाईकोर्ट ने गुरुवार को इस्कॉन (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस) पर प्रतिबंध लगाने की याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के वकील मोहम्मद मोइनुउद्दीन द्वारा पेश की गई याचिका पर सुनवाई के बाद लिया।
इस्कान बैन को लेकर एक वकील द्वारा लगाई गई याचिका में सुनवाई करते हाईकोर्ट ने बैन लगाने से मना करते हुए कोर्ट ने कहा कि दिया है वह अंतरिम सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाई से संतुष्ट है इस पर स्वतः संज्ञान लेने की जरूरत नही है. हालांकि कोर्ट के इस फैसले से इस्कान को राहत तो मिल गई है लेकिन इस्कान की परेशानी खत्म नही हुआ है.
बता दें कि बांग्लादेश में सुप्रीम कोर्ट के वकील मोनिरूज्जमां ने हाईकोर्ट के जस्टिस फराह महबूब और जस्टिस देबाशीष राय चौधरी की पीठ के सामने इस्कान पर बैन लगाने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी साथ ही उन्होंने चटगांव और रंगपुर में आपातकाल घोषित करने की अपील भी की थी.
बुधवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अटॉनी जनरल को समन कर अंतरिम सरकार से इस्कान पर की गई की कार्रवाई के संबंध में पूछा था. जिस पर अटॉर्नी जनरल की ओर से डिप्टी अटॉर्नी जनरल असदउद्दीन ने सरकार का पक्ष रखा. उन्होनें सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी देकर कोर्ट से कहा कि पूरे मामलेें में सरकार ने सख्त रूख अपनाया है. इसे लेकर अब तक तीन मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें एक मामलें में 13, दूसरें में 14 लोग और एक अन्य मामलें में 49 लोगों को आरोपी बनाया गया है. तीनों मामलें में अब तक कुल 33 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा सीसीटीवी फुटेज के जरिए 6 और लोगों की पहचान की गई है. सरकार की ओर से कोर्ट में कहा गया है कि पुलिस कार्रवाई कर रही है, आरोपियों से पूछताछ के बाद जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी..
इस्कान पर प्रतिबंध लगाने की मांग पर पीठ के जजों ने कहा कि, सरकार सर्वाेच्च प्राथमिकता के साथ काम कर रही है.हम सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट हैं और राज्य की जिम्मेदारी पर हमें भरोसा है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘हमारे देश में सभी धर्मों के लोग सौहार्दपूर्ण, आपसी सम्मान और प्यार कभी नहीं खोएगा. आवेदक को चिंता नहीं करनी चाहिए.