प्रदीप नामदेव,रायपुर। पिछले दिनों दिल्ली में हुए संयुक्त किसान मोर्चा की राष्ट्रीय आम बैठक में देश के सभी सांसदों को किसानों का मांगपत्र सौंपने का निर्णय लिया गया था। जिसके तहत संयुक्त किसान मोर्चा छत्तीसगढ़ के संयोजक मंडल सदस्य एवं भारतीय किसान यूनियन छत्तीसगढ़ के महासचिव तेजराम विद्रोही के नेतृत्व में किसानों ने महासमुन्द सांसद रूपकुमारी चौधरी को मांग पत्र सौपकर संसद में किसानों की बात रखने अपील किया है।
तेजराम विद्रोही ने जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली सीमाओं से वापसी से पहले केन्द्र सरकार ने एमएसपी की कानूनी गारंटी,आंदोलन के दौरान दर्ज मामलों की वापसी, जनविरोधी नये बिजली कानून की वापसी, आंदोलन में शहीद किसानों के परिवारों को मुआवजा,पराली जलाने पर किसानों को सजा से मुक्ति का वायदा किया था,जो आज तक पूरा नहीं हुआ।उन बाकी मांगों के अलावा संपूर्ण कर्जा माफी, किसान और खेतिहर मजदूर के लिए वृद्धावस्था पेंशन, किसान फसल बीमा,अग्निवीर योजना की वापसी, तीनों नये कानूनों की वापसी,जबरन भूमि-अधिग्रहण, वन अधिकार कानून के उल्लंघन जैसे तमाम तात्कालिक मांगों को मांगपत्र में शामिल किया गया है।इनके अलावा अलग से कृषि बजट बनाने, खेती को डब्ल्यू.टी. ओ. से बाहर लाने,मनरेगा मजदूरी 600 रूपये प्रतिदिन,चारों श्रम संहिताओं को रद्द करने आदि नीतिगत मांगें भी मांगपत्र में शामिल हैं।मांग पत्र सौपने वालों में उद्धव खम्हारी,अजय कुमार साहू, दिलेश्वर सिन्हा,भुनुराम साहू, कमल किशोर यादव,महेश निषाद,सुभाष चक्रधारी आदि उपस्थित रहे।