छत्तीसगढ़ ब्यूरो रिपोर्ट। सुहेला तहसील कार्यालय में बुड़गहन निवासी किसान हीरालाल साहू द्वारा कीटनाशक सेवन कर आत्महत्या का प्रयास करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस घटना को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सात सदस्यीय जाँच समिति गठित कर मौके पर जाँच-पड़ताल की।
कांग्रेस की जाँच समिति ने अस्पताल में किसान के परिजनों से की मुलाकात
प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा गठित जाँच समिति का नेतृत्व पाठ्य पुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदीकर रहे हैं। समिति में कृषि कल्याण परिषद के पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा, जीव जंतु कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष विद्या भूषण शुक्ला, पूर्व विधायक जनक राम वर्मा, पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश यदू, जिला कांग्रेस अध्यक्ष हितेंद्र ठाकुर, और सुहेला ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष भुनेश्वर वर्माशामिल हैं।
सोमवार को यह जाँच समिति रायपुर स्थित निजी अस्पताल पहुँची, जहाँ किसान हीरालाल साहू भर्ती हैं। डॉक्टरों ने समिति को बताया कि किसान की हालत अब भी चिंताजनक बनी हुई है और उसे ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ आईसीयू में रखा गया है।
किसान के पुत्र ने किए चौंकाने वाले खुलासे
अस्पताल में किसान के पुत्र और परिजनों से भी जाँच समिति ने चर्चा की। किसान के पुत्र ने आरोप लगाया कि तहसीलदार कुणाल सरवैया ने उनके पिता के साथ दुर्व्यवहार किया और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया। उन्होंने बताया कि तहसीलदार ने उनके पिता को दुत्कारते हुए कहा था –
“तुम मंत्री से शिकायत करते हो, कहीं भी चले जाओ, कोई मेरा कुछ नहीं कर सकता।”
परिजनों ने यह भी बताया कि जब किसान ने जहर खा लिया, तब सुहेला स्वास्थ्य केंद्र में केवल एसडीएम और जिला अस्पताल में कलेक्टर मिलने आए, लेकिन प्रशासन या सरकार का कोई और अधिकारी मदद के लिए आगे नहीं आया।
तहसील कार्यालय और पुलिस थाने में समिति की जाँच
अस्पताल से लौटने के बाद जाँच समिति सुहेला स्थित तहसील कार्यालय पहुँची, जहाँ उन्होंने इस मामले से जुड़ी जानकारियाँ इकट्ठा कीं। तहसील कार्यालय में पदस्थ नव नियुक्त तहसीलदार किशोर कुमार वर्मा और नायब तहसीलदार दिलीप कुमार सामल से जब समिति ने घटना से जुड़े दस्तावेज माँगे, तो अधिकारियों ने केवल मामले की फाइल की कॉपी देने की बात कही। इस पर समिति ने सवाल उठाया कि तहसील रिकॉर्ड को व्यवस्थित रखना राजस्व विभाग की जिम्मेदारी है, जिसे अधिकारियों ने स्वीकार किया।
इसके बाद समिति के सदस्य पुलिस थाना सुहेला पहुँचे, जहाँ उन्होंने आरोपी तहसीलदार के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज करने की माँग की। इस पर थाना प्रभारी ने बताया कि मामला पुलिस के संज्ञान में है, लेकिन अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।
कांग्रेस का सरकार पर हमला – “कुंभकर्णी नींद में सो रही सरकार”
जाँच समिति के संयोजक शैलेश नितिन त्रिवेदी ने प्रदेश सरकार की चुप्पी पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि –
“जब सुहेला थाने में रामकुमार हत्याकांड हुआ था, तब भी बीजेपी की सरकार थी और आज तहसील कार्यालय में राजस्व अधिकारी के दुर्व्यवहार से तंग आकर किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो गया, लेकिन सरकार कुंभकर्णी नींद में सो रही है।”
समिति के अन्य सदस्यों ने भी इस घटना पर नाराजगी जताई और कहा कि –
“यह कितनी दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि जिस विधानसभा क्षेत्र से प्रदेश के राजस्व मंत्री आते हैं, वहाँ एक किसान को राजस्व अधिकारियों की प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है। अगर समय रहते प्रशासन ने ध्यान दिया होता, तो यह नौबत नहीं आती।”
जाँच समिति की प्रमुख माँगें:
- आरोपी तहसीलदार कुणाल सरवैया के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया जाए।
- किसान के परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता दी जाए।
- राजस्व विभाग में किसानों से जुड़े मामलों में पारदर्शिता लाने के लिए कड़े कदम उठाए जाएँ।
- घटना की उच्चस्तरीय जाँच कर दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।
कौन-कौन था जाँच समिति में शामिल?
प्रतिनिधि मंडल में पार्षद सुभाष राव, जनपद सदस्य भानु प्रताप वर्मा, पूर्व समिति अध्यक्ष संतोष चंद्राकर, हरीश वर्मा, सुरेंद्र सिंह ठाकुर, डॉ. ए. ए. फारुकी, महिला ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष बिशन साहू, हेमलाल पाटरे, ममता राव, गेंदु साहू, अंजली भारती, दुर्गेश साहू, उमेश खरे, सेवक राम साहू सहित कई अन्य कांग्रेस नेता शामिल रहे
किसान आत्महत्या प्रयास प्रकरण में कांग्रेस ने तहसीलदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की है और सरकार को घेरने की रणनीति बना रही है। वहीं, प्रशासन अब भी एफआईआर दर्ज करने में देरी कर रहा है। इस मामले को लेकर स्थानीय किसानों और राजनीतिक संगठनों में भारी रोष है, जिससे आने वाले दिनों में सरकार पर दबाव और बढ़ सकता है।