उत्तर प्रदेश ब्यूरो रिपोर्ट। उत्तर प्रदेश के संभल में सर्वे पर शुरु हुए संग्राम ने 4 लोगों की जान ले ली। इसके बाद भी सुलगा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा, जहां एक तरफ हंगामें और हिंसा पर एक्शन देखने को मिल रहा है तो दूसरी तरफ पॉलिटिकल रिएक्शन भी आ रहे है जिसने खूनी संघर्ष को दिए सियासी रंग पर सवाल खड़े कर दिए। सवाल सर्वे पर सियात का है, सवाल सुलगते संभल की राहत का है, सवाल सिसकती सांसों की आहट का है और सवाल सियासत से शुरु होती आफत का है। संभल हिंसा को लेकर कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि सच के लिए कदम उठाने पर बार-बार हमलों का शिकार होना पड़ रहा है।
कानपुर पहुंचे देवकी नंदनठाकुर ने कहा कि ‘आज हम अगर सच के लिए कदम उठा रहे है, तो उसके लिए हम लोगों को बार-बार उसका शिकार होना पड़ रहा है। हम अपने देवी देवताओं के मंदिरों की सुरक्षा नहीं कर पा रहे है। ये कोर्ट का निर्णय है, अगर कोर्ट के फैसले पर भी सर्वे होगा तो वहां भी उत्पात होगा। आज जब मोदी और योगी की सरकार है, तब ये हो रहा है। कल्पना कीजिए कि 15 साल बाद क्या होगा? तब क्या हिंदू सुरक्षित होगा, क्या हमारे मंदिर सुरक्षित होंगे, अयोध्या में जो राम मंदिर बनाया गया वो सुरक्षित होगा? हम तो ऐसे लोगों के भी बयान सुन चुके है कि राम मंदिर बना लो आगे हमारा समय आएगा तो मंदिर हम रहने नहीं देंगे।’