दिल्ली ब्यूरो रिपोर्ट | मौसम वैज्ञानिकों ने लोगों को सिर्फ जरूरत पड़ने पर बाहर निकलने की सलाह दी है क्योंकि दिल्ली में वायु प्रदूषण ने खतरनाक रूप अख्तियार कर लिया है. दो दिनों से तेज हवा चलने के बावजूद दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 1200 के करीब पहुंच गया है, सबसे अधिक एक्यूआई मुंडका इलाके में दर्ज किया गया है. सीएक्यूएम ने दिल्ली में वायु प्रदूषण को देखते हुए GRAP-4 के प्रतिबंधों को लागू कर दिया है. कुल मिलाकर, दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर घातक है और कई प्रयासों के बावजूद सुधार नहीं हुआ है.
सीपीसीबी के अनुसार, रविवार को तीन बजे दिल्ली-एनसीआर की हवा में पीएम 10 का औसत स्तर 383 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम 2.5 का औसत स्तर 234 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था, जो मानकों से पौने चार गुने से अधिक प्रदूषण का संकेत देता है. हवा में स्वास्थ्यकर कणों को 100 से कम स्तर पर रखना चाहिए.
दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक, नगरीय और निजी कार्यालयों को 50 प्रतिशत क्षमता पर काम करने और बाकी को घर से काम करने की अनुमति देने का निर्णय ले सकता है; आवश्यक सेवाओं के लिए EV-CNG और BS-6 मानक वाले डीजल वाहनों को छूट मिलेगी; दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड हल्के कॉमर्शियल वाहनों पर रोक रहेगी.
केंद्र सरकार घर से काम करने वाले कर्मचारियों को केंद्रीय सरकारी कार्यालयों में काम करने की अनुमति दे सकती है; राज्य सरकारें कॉलेजों और अन्य शैक्षिक संस्थानों को बंद कर सकती हैं; गैर-आपातकालीन व्यवसायों को बंद कर सकती हैं; और रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर वाहनों को चलाने की अनुमति दे सकती हैं.