नई दिल्ली ब्यूरो रिपोर्ट। ब्रेन मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित शोध में यह संकेत दिया गया है कि वायु प्रदूषण, विशेष रूप से कारों से निकलने वाले धुएं, ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD) और अन्य न्यूरो डेवलपमेंट डिसऑर्डर्स के जोखिम को बढ़ा सकते हैं. शोधकर्ताओं ने यह बताया कि प्रदूषण के संपर्क में आने से विशेष रूप से गर्भावस्था और बचपन के शुरुआती वर्षों में न्यूरो डेवलपमेंट समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है.
यह अध्ययन इजराइल के हिब्रू विश्वविद्यालय द्वारा किया गया था. शोध में पाया गया कि प्रदूषण के विभिन्न कण, जैसे फाइन पार्टिकुलेट मैटर (PM), नाइट्रोजन ऑक्साइड (NO, NO2), सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), और ओजोन (O3), भ्रूण पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं.
रिसर्चर के मुताबिक एयर पॉल्यूशन के कारण बच्चों में ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD) की बीमारी तेजी से बढ़ रही है. सिर्फ इतना ही नहीं गर्भवती महिलाओं के लिए यह पॉल्यूशन बेहद जानलेवा साबित हो सकती है क्योंकि इसके कारण गर्भ में पल रहे बच्चों के दिमाग पर बुरा असर पड़ता है. उनके दिमाग का विकास नहीं होता है. पॉल्यूशन के कारण ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर के साथ-साथ न्यूरोलॉजिकल से जुड़ी समस्याएं भी तेजी से बढ़ रही है.