हैदराबाद. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने गुरुवार को कांग्रेस पार्टी को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। शशि थरूर ने कहा है कि पार्टी हाल के कुछ सालों में पहले से अधिक वामपंथी हो गई है। थरूर से इसके पीछे के कारण को भी बताया है। कांग्रेस सांसद ने कहा है कि कांग्रेस पहले से ज्यादा वामपंथी इसीलिए हुई है क्योंकि वह भाजपा की “विभाजनकारी राजनीति” का मुकाबला करने का प्रयास कर रही है।
एक कार्यक्रम में यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा की राजनीति के खिलाफ कांग्रेस और वामपंथी दलों का साथ आना ‘रेडिकल सेंट्रिज्म’ (कट्टर केन्द्रीयता) का उदाहरण है, थरूर ने कहा कि उनके विचार व्यवहारिक राजनीति की बारीकियों पर नहीं, बल्कि सिद्धांतों और विचारधारा पर केंद्रित थे, जहां कुछ दूरियों को पाटने की आवश्यकता है। इससे पहले उन्होंने ‘रेडिकल सेंट्रिज्म’ पर एक व्याख्यान भी दिया था।
उन्होंने गुरुवार रात आयोजित कार्यक्रम में कहा, “लेकिन, रणनीतिक समायोजन लगातार बढ़ते जा रहे हैं। दरअसल, कुछ मायनों में, इसका एक नतीजा यह हुआ है कि मेरी पार्टी पहले से कहीं ज्यादा वामपंथी पार्टी बन गई है। इस अर्थ में, अगर आप डॉ. मनमोहन सिंह की पार्टी को देखें, तो आप कह सकते हैं कि यह अपने दृष्टिकोण में ज्यादा सचेतन रूप से मध्यमार्गी थी। पार्टी ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की कुछ नीतियों से प्रेरणा ली थी।”
थरूर ने आगे याद दिलाया कि कांग्रेस ने 1990 के दशक की शुरुआत में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के नेतृत्व में कुछ नीतियां बनाई थीं, जिनका अनुसरण भाजपा ने कुछ साल बाद सत्ता में आने पर किया। उन्होंने कहा कि यह तर्क दिया जा सकता है कि 1991 और 2009 के बीच एक मध्यमार्गी दौर था, जो संभवतः उसके बाद बदलना शुरू हो गया।
शशि थरूर ने कहा, “निश्चित रूप से, पिछले कुछ वर्षों में विपक्ष में रहते हुए, कांग्रेस पहले की तुलना में कहीं ज्यादा वामपंथी पार्टी बन गई है। यह रणनीतिक समायोजन है या दार्शनिक विश्वास या जो भी हो, यह तो देखना बाकी है।”










