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कैरी बैग के लिए सात रुपए लेना मार्ट को पड़ गया भारी, लगा तीन हजार का जुर्माना

जौनपुर. मॉल, मार्ट और बड़ी-बड़ी दुकानों में खरीदारी के बाद बिल पेमेंट के दौरान अक्सर ग्राहकों से कैरी बैग चाहिए या नहीं यह पूछा जाता है। यदि ग्राहक कैरी बैग की डिमांड करता है तो उसे कुछ रुपए इसके लिए भी चुकाने होते हैं लेकिन यूपी के जौनपुर के एक मार्ट में कैरी बैग के लिए उपभोक्ता से सात रुपए लेना महंगा पड़ गया। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह और सदस्य गीता ने जौनपुर के बदलापुर पड़ाव स्थित मार्ट प्रतिष्ठान के मैनेजर को इस मामले में दोषी पाया। इसके साथ ही आदेश दिया कि एक महीने के अंदर उपभोक्ता को कैरी बैग की कीमत सात रुपये के अलावा मानसिक पीड़ा के 1,500 और परिवाद व्यय के लिए 1,500 रुपये क्षतिपूर्ति अदा करें।

अधिवक्ता हिमांशु श्रीवास्तव ने आयोग में बदलापुर पड़ाव स्थित वी- मार्ट प्रतिष्ठान के मैनेजर के खिलाफ 26 नवंबर, 2024 को परिवाद दाखिल किया था। इसमें कहा गया था कि 18 अगस्त 2024 को 799 रुपये की खरीदारी की थी। वहां क्रय मूल के अतिरिक्त सात रुपये कैरी बैग का अतिरिक्त चार्ज लिया गया।

इसे सेवा में कमी और अनुचित व्यापारिक व्यवहार बताया गया। उपभोक्ता की ओर से यह भी बताया गया कि मार्ट के नियमानुसार ग्राहक कोई कैरी बैग लेकर अंदर नहीं जा सकता, ताकि ग्राहकों से कैरी बैग का अतिरिक्त शुल्क लिया जा सके।

सामानों की खरीदारी के दौरान और खरीदारी के पहले कैरी बैग के अतिरिक्त चार्ज की कोई सूचना भी वहां नहीं दी गई थी। परिवादी ने खरीदारी संबंधी रसीद दाखिल की थी। इस मामले में राष्ट्रीय आयोग द्वारा 22 दिसंबर 2020 को दिए गए निर्णय का हवाला दिया गया। फोरम ने मार्ट के मैनेजर को आदेश दिया कि 3,007 रुपये एक महीने के अंदर अधिवक्ता को अदा करें। इसके पहले शहर के एक अन्य प्रतिष्ठान बाजार कोलकाता पर भी कैरी बैग का 6 रुपए लेने पर 3000 रुपए हर्जाना लगा था जिसे उस प्रतिष्ठान ने फोरम में जमा कराया था।

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