प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट, वाराणसी के रोपवे (Varanasi Ropeway) का काम अब तेजी से आगे बढ़ रहा है. इस परियोजना का ट्रायल जनवरी के पहले सप्ताह में शुरू होने की संभावना है. जिसमें कैंट रेलवे स्टेशन, भारत माता मंदिर और रथ यात्रा स्टेशनों के बीच के गोंडोला (केबल कार) का परीक्षण किया जाएगा. यह ट्रायल जनवरी से फरवरी के बीच हो सकता है. मार्च या अप्रैल तक तीनों स्टेशनों को तैयार कर इस पर संचालन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
हाल ही में, वाराणसी में रोपवे के रस्सी पुलिंग का काम शुरू कर दिया गया है, जो काशी विद्यापीठ और भारत माता मंदिर से लेकर कैंट रेलवे स्टेशन तक किया जा रहा है. ड्रोन और अन्य तकनीकी उपकरणों की मदद से इस काम को तेजी से अंजाम दिया जा रहा है. पहले फेज का ट्रायल 10-15 दिनों के भीतर खत्म होने की संभावना है.
इस प्रोजेक्ट को जल्दी पूरा करने के लिए काम जोर-शोर से चल रहा है. परियोजना को अप्रैल 2025 तक पूरा किया जाना था, लेकिन चुनावी प्रक्रिया और अन्य कारणों के चलते यह थोड़ा विलंबित हुआ है. हालांकि, तीन प्रमुख स्टेशनों (रेलवे स्टेशन, भारत माता मंदिर और रथ यात्रा) का काम अप्रैल तक पूरा कर लिया जाएगा. इस समय परियोजना का लगभग 80% काम पूरा हो चुका है.
प्रोजेक्ट इंचार्ज पूजा मिश्रा के मुताबिक पहले फेज में एक मिलीमीटर मोटी फाइबर रोपवे को छोटे ड्रोन की मदद से खींचा जा रहा है. इसके बाद, दूसरे फेज में 12, 26 और 52 मिलीमीटर मोटे रोपवे की पुलिंग का काम किया जाएगा. यह कार्य 3 सप्ताह के भीतर पूरा कर लिया जाएगा और ट्रायल जनवरी में शुरू होने की योजना है.