नेशनल डेस्क। मध्यप्रदेश प्रदेश ,उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ सरकार ने अग्निवीरों को पुलिस भर्ती में आरक्षण देने का बड़ा फैसला लिया है। कारगिल दिवस के अवसर पर मध्यप्रदेश के CM मोहन यादव,यूपी के CM योगी आदित्यनाथ और छत्तीसगढ़ के CM मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसकी घोषणा की है। इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने CISF और BSF में अग्निवीरों के लिए 10 फीसदी आरक्षण की घोषणा की थी। वहीं हरियाणा और उत्तराखंड सरकार भी अग्निवीरों को 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला ले चुकी हैं।
योगी ने कहा कि अग्निवीर जब सेना में सेवा के बाद वापस आएंगे तो उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार पुलिस भर्ती में, PAC में प्राथमिकता के आधार भर्ती करेगी। उनके लिए उत्तर प्रदेश पुलिस में एक निश्चित आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। मोहन यादव ने कहा कि कारगिल दिवस पर हमारी सरकार ने फैसला किया है कि अग्निवीर जवानों को पुलिस एवं सशस्त्र बलों की भर्ती में आरक्षण दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, अग्निवीर योजना को लेकर युवाओं के मन में उत्साह है। 10 लाख अग्निवीर भारतीय सेना में अपनी सेवा देने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। दुर्भाग्य है कि कुछ राजनीतिक दलों के लिए स्वयं की राजनीति देश से बड़ी हो गई है। वे देश की कीमत पर राजनीति करना चाहते हैं।उनका काम ही है कि हर प्रगति वाले कार्य में टांग अड़ाना, अनावश्यक व्यवधान पैदा करना, लोगों को भड़काना, गुमराह करना,लगातार उनके द्वारा ऐसा कृत्य किए जाते रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर भी विपक्ष ने लगातार गुमराह करने का प्रयास किया। हमें प्रधानमंत्री मोदी और भारत सरकार के इस सेना रिफॉर्म्स के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए आगे बढ़ना चाहिए।
छत्तीसगढ़ सरकार अग्निवीरों को प्रदेश सरकार की अलग-अलग फोर्स में भर्ती में आरक्षण देगी। विधानसभा में इसका ऐलान खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया। उन्होंने बताया कि अग्निवीर स्किम के तहत सेना में गए युवकों को इस आरक्षण का सीधा फायदा मिलेगा। ये आरक्षण पुलिस आरक्षक, वनरक्षक, जेल प्रहरी जैसे पदों पर प्राथमिकता के आधार पर मिलेगा। इसके लिए एक निश्चित आरक्षण का दिशा निर्देश जल्द जारी किया जाएघा
मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने भी अग्निवीरों को आरक्षण देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा, अग्निवीर जवानों को राज्य की पुलिस भर्तियों में आरक्षण मिलेगा। इस नई नीति के तहत, अग्निवीर जवानों को पुलिस और सशस्त्र बलों की भर्तियों में प्राथमिकता दी जाएगी, जो उन्हें सरकारी नौकरियों में अधिक अवसर प्रदान करेगी।









