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घर उजाड़ने वाली महिलाओं पर महिला आयोग सख्त, तीन महिलाओं को भेजा नारी निकेतन,3 वर्ष के बच्चे को आयोग ने उसकी मां से मिलाया

प्रदीप नामदेव,रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक, सदस्यगण नीता विश्वकर्मा व बालो बघेल ने आज छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के कार्यालय रायपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की।आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज 254 वीं सुनवाई हुई। रायपुर जिले में कुल 126 वीं जनसुनवाई।

महिलाएं शादी-शुदा पुरूष के साथ रहने से पहले हजार बार सोचे और उसकी पहली पत्नि को घर से निकलवाकर दूसरी पत्नी बनने का प्रयास ना करें और बसा-बसाया घर उजाडने का प्रयास ना करें। ऐसी महिलाओं को महिला आयोग सुधारने की दिशा में सक्त प्रयास करती है- किरणमयी नायक

आज की सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उसका पति किसी अन्य महिला के साथ 1 साल से भाग गया था। अनावेदक पहली पत्नी के जीवित रहते बिना तलाक के दूसरी महिला से विवाह किया जो कि पूर्णतः शून्य है। आयोग की अध्यक्ष द्वारा आवेदिका को यह सलाह दिया कि यदि वह चाहे तो दस्तावेज के आधार पर अनावेदक के खिलाफ धारा 494 IPC के तहत रिपोर्ट दर्ज करा सकेगी और दूसरी महिला सुधरने का मौका देकर सुरक्षा की दृष्टि से 2 माह के लिए नारी निकेतन रायपुर भेजे जाने का आदेश आयोग द्वारा दिया गया।

इसी तरह एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपने पति के दूसरी महिला के साथ अवैध संबंध से परेशान होकर आयोग में शिकायत दर्ज करायी। दूसरी महिला की वजह से आवेदिका का पति उसके साथ मारपीट करता है। दूसरी महिला का पति भी आयोग में उपस्थित हुआ वह भी अपनी पत्नी से परेशान है और यह चाहता है कि उसकी पत्नी अपनी गलती समझ कर उसके साथ ठीक से रहे। दूसरी महिला को सुधरने का मौका नारी निकेतन भेजा गया।

इसी दौरान एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि आवेदिका और उसके पति के दो बच्चे 14 वर्ष और 18 वर्ष के है। वहीं दूसरी महिला एवं उसके पति के भी 14 वर्ष व 11 वर्ष के 2 बच्चे है। आवेदिका ने बताया कि आवेदिका के पति और दूसरी महिला के मध्य अवैध संबंध है। इस बात को दूसरी महिला का पति जानता है और वह चाहता है कि उसकी पत्नी को उचित समझाइश देकर सुधरने का मौका दिया जाये। आवेदिका भी अपने पति के साथ अपना रिश्ता सुधारना चाहती है इस पर आवेदिका के पति ने भी सहमति व्यक्त की। आवेदिका का पति हर माह 30 से 35 हजार रू. कमाता है। आयोग द्वारा आवेदिका के पति की आदेशित किया गया कि वह 10 जुलाई को आकर आवेदिका को 15000/- रू. देगा व अगले 6 माह तक आयोग में आकर आवेदिका को पैसे देगा और अपने संबंध सुधारने का प्रयास करेगा। दूसरी महिला को सुधरने का मौका देकर नारी निकेतन भेजा गया।

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उसके 3 वर्ष के बच्चे को उसका पति अपने साथ ले गया था, और उसने आवेदिका को बिना तलाक लिये दूसरा विवाह कर लिया है जो कि गैर कानूनी है। आज आयोग के समक्ष आवेदिका को उसका 3 वर्ष का बच्चा दिलाया गया व दोनो पक्षों को समझाइश दिया गया कि कानूनी रूप से तलाक ले। आपसी समझौते के बाद प्रकरण को समाप्त कर दिया जायेगा।

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