रायपुर ब्यूरो रिपोर्ट। प्रदेश में लगातार हो रहे बड़े अपराधों का मामला आज विधानसभा में जमकर गूंजा। सदन में आवाज उठी कि पुलिस चुन-चुनकर विपक्षी विधायकों के खिलाफ अपराध दर्ज कर रही है। कांग्रेस विधायकों एवं सत्ता पक्ष के नेताओं ने एक दूसरे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कांग्रेस विधायक दल ने इस पर जो स्थगन दिया था अध्यक्ष ने चर्चा कराने की अनुमति नहीं दी। इसके विरोध में सारे कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए गर्भ गृह में आ गए और स्वमेव निलंबित हो गए।
शून्यकाल के दौरान सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संबंधित विषय को सदन में उठाया। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। शांत छत्तीसगढ़ अशांत और असुरक्षित होता जा रहा है। प्रदेश में हत्या, हत्या के प्रयास, गोलीबारी, गैंगवार, बलात्कार, धोखाधड़ी, ट्रैफिकिंग, खनिजों का अवैध का उत्खनन, अवैध शिकार आदि की घटनाओं में असाधारण वृद्धि हो रही है। अपराधियों में कानून एवं पुलिस का भय खत्म हो गया है। उपमुख्यमंत्री जो गृह मंत्री भी हैं के गृह जिले कवर्धा अंतर्गत लोहारीडीह में इतना बड़ा हत्याकांड हो गया। पूरे प्रदेश में कानून व्यव्था का बूरा हाल है। इस पर हमने स्थगन दिया है, जिस पर चर्चा कराई जाए।
कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने कहा कि पुलिस का आत्मविशावास कम हुआ है। रायपुर एवं कवर्धा में अपराध का रेट बढ़ा है। पुलिस चुन-चुनकर विपक्षी विधायकों के खिलाफ अपराध दर्ज करने का काम कर रही है। सारंगढ़ विधायक उत्तरी जांगड़े के खिलाफ इसी तरह एफआईआर दर्ज हुई। भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला इस पर आपत्ति जताते हुए जब अपनी बात कहने लगे विपक्षी विधायकों ने नारेबाजी शुरु कर दी। जवाब में सत्ता पक्ष के विधायक भी नारेबाजी करने लगे। शोर शराबा होते देख विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरु होने पर उमेश पटेल ने दोहराया कि हमारे विधायकों के खिलाफ लगातार एफआईआर हो रही है। विशेषकर सतनामी विधायकों के खिलाफ। यह सुनते ही सत्ता पक्ष के विधायक गुरु खुशवंत साहेब ने आपत्ति जताते हुए कहा कि आप सतनामी समाज को बदनाम करने का काम कर रहे हैं। इसके साथ ही विपक्ष एवं सत्ता पक्ष दोनों तरफ से फिर नारेबाजी शुरु हो गई। विधानसभा अध्यक्ष ने दोनों पक्ष को टोकते हुए कहा कि शून्यकाल में सबको बोलने का अवसर दे रहा हूं। नारेबाजी करके क्या कर लेंगे। नारेबाजी छोड़कर सीधे मुद्दे पर आएं। उमेश पटेल ने कहा कि विपक्ष की ओर से जो स्थगन दिया गया है उस पर चर्चा कराएं। कांग्रेस विधायक कवासी लखमा ने कहा कि बस्तर में यह हाल है कि नक्सलाइट के नाम पर निर्दोष बच्चों को गोली मार दी जाती है। अन्य कांग्रेस विधायकों विक्रम मंडावी, दलेश्वर साहू, व्दारिकाधीश यादव, कुंवर सिंह निषाद, संगीता सिन्हा, लालजीत सिंह राठिया, अनिला भेड़िया, शेषराज हरबंश एवं हर्षिता स्वामी बघेल ने भी बिगड़ी कानून व्यवस्था पर संक्षेप में अपनी बात रखी।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि इस सरकार में किसान, मजदूर, व्यापारी सब परेशान हैं। चोर उचक्के एवं अन्य अपराधी ही इस राज में सुखी हैं। यह तथाकथित सुशासन का परिणाम है। सूरजपुर में पुलिस कर्मी की पत्नी एवं बच्ची की निर्मम हत्या कर दी जाती है। गृह मंत्री के जिले में आने वाले लोहारीडीह में बड़ी घटना घट जाती है। वहां का एक व्यक्ति मध्यप्रदेश में फांसी पर टंगा मिलता है। उस गांव के सौ से ज्यादा साहू समाज के लोगों को जेल में डाला गया। बलौदाबाजार में पुलिस भाग खड़ी होती है और जिला तथा पुलिस मुख्यालय जल रहा होता है। डॉ. महंत ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष 15 साल मुख्यमंत्री रहे थे उनके शासनकाल में ऐसा कभी नहीं हुआ था। बिहार व झारखंड के लोग यहां आकर गोली चला रहे हैं। विपक्ष व्दारा दिए गए स्घन को ग्राह्य कर उस पर चर्चा कराई जाए।
विपक्ष के आरोपों पर गृह मंत्री विजय शर्मा का विस्तार से जवाब आया। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विपक्ष की बात सुनी गई उस पर गृह मंत्री का जवाब भी आया। मैं सदन में स्थगन प्रस्ताव रखने की अनुमति नहीं देता। इसे अग्राह्य करता हूं। भूपेश बघेल ने कहा कि इस सरकार में आदिवासी, पिछड़ा वर्ग कोई भी सूरक्षित नहीं है। इसके साथ ही सारे कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए गर्भ गृह में आ गए और सदन की कार्यवाही से स्वमेव निलंबित हो गए।