महाराष्ट्र ब्यूरो रिपोर्ट : महाराष्ट्र की नई महायुति सरकार में हलचल जारी है. बताया जा रहा है कि देवेंद्र फडणवीस की सरकार से डिप्टी सीएम अजित पवार नाराज हैं. वो फिलहाल आउट ऑफ रीचेबल बताए जा रहे हैं. इसी बीच महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और अजित के चाचा शरद पवार दिल्ली पहुंचे और उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. उनके साथ किसानों का एक डेलीगेशन भी पीएम से मिलने पहुंचा. शरद पवार के पीएम मोदी से मिलने का मकसद महाराष्ट्र के सतारा में सूखा बताया जा रहा है. महाराष्ट्र के सतारा जिले के किसानों के साथ शरद पवार पीएम से मिले.
शरद का सियासी दांव
यह महाराष्ट्र का वो क्षेत्र है, जहां हर साल सूखा पड़ता है. किसानों को जिसके चलते खासी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. वजह भले ही किसान हों लेकिन शरद पवार और पीएम मोदी की इस मुलाकात ने महाराष्ट्र के सभी नेताओं के कान खड़े कर दिए हैं. माना जा रहा है कि भतीजा अजित पवार महाराष्ट्र की नई सरकार में पसंद के मंत्रिपद नहीं मिलने से नाराज हैं. यही वजह है कि वो फिलहाल आउट ऑफ रीचेबल बताए जा रहे हैं. ऐसे पीएम मोदी से शरद की मुलाकात ने अजित की टेंशन को जरूर बढ़ा दिया होगा.
शरद पवार को सबसे बड़े सियासी पंडित के रूप में जाना जाता है. वो राजनेताओं और उनकी राजनीति की नब्ज को पकड़ने में ज्यादा वक्त नहीं लगाते हैं. अगर आने वाले वक्त में शरद बीजेपी के करीब आते हैं तो इसमें ज्यादा हैरानी नहीं होगी.शरद पवार की पीएम से मुलाकात ने महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन में साथी कांग्रेस और शिवसेना यूबीटी में भी बेचैनी बढ़ा दी है. तीनों पार्टियों ने मिलकर करीब ढाई साल तक महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकास अघाड़ी सरकार चलाई थी. शिवसेना उद्धव गुट और कांग्रेस पार्टी की नजर भी शरद पवार की अगली चाल पर रखेगी.
यहां यह जानना जरूरी है कि अजित पवार का महाराष्ट्र की नई सरकार बनने के बाद से ही पूरा फोकस मलाइदार मंत्रालयों पर था. अपनी इसी ख्वाहिश को लेकर वो दिल्ली में भी डेरा डाले बैठे थे. अजित को ना तो दिल्ली दरबार ने भाव दिया और ना ही देवेंद्र फडणवीस के आगे उनकी चली. यही वजह है कि वो सरकार के गठन के बाद नाखुश दिखे. शरद पवार अच्छे से जानते हैं कि बीजेपी ओर अजित के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. जिसका फायदा उठाने की फिराक में शायद शरद पवार नजर आ रहे हैं.