जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राइजिंग राजस्थान प्रदेश के औद्योगिक विकास की गति को बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान में निवेश करने वाले उद्यमियों को भूमि, बिजली एवं पानी की उपलब्धता समयबद्ध एवं नीतिगत रूप से सुनिश्चित करवाई जाएंगी, जिससे निवेश धरातल पर मूर्तरूप ले सके। मुख्यमंत्री शर्मा गुरूवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में वाइब्रेंट गुजरात एवं उत्तरप्रदेश इन्वेस्टर्स समिट की तर्ज पर राइजिंग राजस्थान के सफल आयोजन के लिए राज्य के अधिकारियों के प्रतिनिधिमण्डल के दौरे के बाद आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।उन्होंने निर्देश दिए कि समिट में निवेश के लिए भाग लेने वाले प्रतिभागी देशों के अनुरूप सभी आवश्यक तैयारियां समय से पूरी कर ली जाए। साथ ही, इसके लिए अधिकारियों की विशेष टीम का गठन भी किया जाए।
राइजिंग राजस्थान वॉर रूम के जरिए आयोजन की तैयारियां करें तेज—
शर्मा ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि राइजिंग राजस्थान के सफल आयोजन के लिए वॉर रूम स्थापित किया जाए, जहां उचित संसाधनों के साथ विशेषज्ञ टीम आयोजन से संबंधित सभी तैयारियों को आपसी समन्वय के साथ समयबद्ध रूप से पूरा कर सकें। उन्होंने आयोजन का सभी माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को अब तक प्राप्त हो चुके निवेश प्रस्तावों को मूर्तरूप देने से संबंधित कार्यवाही को गति प्रदान करने के भी निर्देश दिए।
रोड-शो के माध्यम से निवेशकों को करें आकर्षित—
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समिट के लिए देश-विदेश में आयोजित होने वाले रोड-शो के आकर्षक और प्रभावी आयोजन से निवेशकों को आमंत्रित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि विदेशों से आने वाले निवेशकों के लिए इन्वेस्टमेंट इन्विटेशन पैकेज तैयार किए जाएं।
निजी क्षेत्र के साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र में भी निवेश संभावनाओं को मिले बढ़ावा—
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश में सार्वजनिक क्षेत्र में भी निवेशकों को आमंत्रित किया जाए जिससे प्रदेश में अधिक से अधिक निवेश हो सके। उन्होंने अधिकारियों को इसके लिए देश में सार्वजनिक क्षेत्र के बड़े उपक्रमों के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान में निवेश करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में अपार संभावनाएं मौजूद हैं। प्रदेश में खनन, मेडिकल, पेट्रोलियम, फार्मा, एयरपोर्ट, पर्यटन, टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल, आईटी, शिक्षा, रेलवे एवं रक्षा क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं को प्रबल बनाया जाये। मुख्यमंत्री ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा एवं राज्य में होटल इंडस्ट्रीज के विस्तार की संभावनाओं पर विशेष ध्यान देने के लिए निर्देशित किया।
बैठक में मुख्य सचिव सुधांश पंत, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव शिखर अग्रवाल, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव अजिताभ शर्मा, आयुक्त रोहित गुप्ता, प्रबन्ध निदेशक रीको शिवप्रसाद नकाते सहित उच्च अधिकारी मौजूद रहे।