- लिस्ट में जिन अयोग्य व पसंदीदा अधिकारियों के नाम है उन्हें नियमतः हटाया जाए- अज़ीम खान
रायपुर। आम आदमी पार्टी के रायपुर लोकसभा अध्यक्ष अजीम खान ने बताया कि छत्तीसगढ़ में वर्तमान में रिक्त दो IAS पद हेतु गैर राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) हेतु चयन की प्रक्रिया चल रही है।लेकिन इस चयन/अवार्ड की प्रक्रिया में नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अपने पसंदीदा अधिकारियों का नाम आगे किया जा रहा है,,मुख्य बात यह है कि इसमें कुछ वरिष्ठ IAS अधिकारी जो मंत्रालय में पोस्टेड है उनकी भूमिका सामने निकलकर आ रही है।कुछ अधिकारियों ने इनसे मिलकर अपनी बात भी रखी और नियमों का हवाला भी दिया लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने उनकी आपत्तियों को अनसुना करते हुए अपने पसंदीदा अधिकारियों को नियम को नजरअंदाज करते हुए आगे बढ़ा दिया है।
- नियम इस प्रकार है:
UPSC की अधिसूचना एवं 08may2013 के राज्य गजट में स्पष्ट उल्लेख है कि सीधी भर्ती से डिप्टी कलेक्टर पद के समतुल्य पद पर चयनित अधिकारी ही IAS अवॉर्ड हेतु आवेदन कर सकते है, लेकिन इस प्रक्रिया में तीन ऐसे अधिकारी हैं जो सीधी भर्ती से नहीं आते अपितु पदोन्नत श्रेणी से आते जिन्होंने न केवल आवेदन किया अपितु अपनी पहुंच एवं धनबल के चलते यूपीएससी साक्षात्कार हेतु अपना नाम लिस्ट में जुड़वा लिया है ।
उल्लेखनीय हैं कि लगभग 30 अधिकारियों ने आवेदन किया था उनमें से 10 नाम upsc को भेजे हैं जिनका 30 दिसंबर 2025 को धौलपुर हाउस, दिल्ली में साक्षात्कार होना है। ये तीन अधिकारी हैं धीरज नशीने, श्रुति प्रसन्ना नेरकर, ऋषभ पराशर । ये तीनों अधिकारी आवेदन के योग्य भी नहीं थे जिनको IAS बनाने की तैयारी चल रही हैं। अज़ीम खान ने आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान सरकार पारदर्शिता के नाम पर ही सत्ता में आई थी ,जिस प्रकार पिछली सरकार के psc घोटाले को उजागर करके सत्ता में आई थी उस साय सरकार से यही उम्मीद थी कि इनके शासन में भर्तियां में पारदर्शिता आयेगी । लेकिन इस वर्तमान प्रक्रिया से ये तथ्य धूमिल होता है ।
अज़ीम खान ने नियमो का हवाला देते हुए कहा कि उम्मीद है सरकार इस मुद्दे पर संज्ञान लेगी एवं इस प्रक्रिया को स्थगित करते हुए फिर से नये सिरे से इस प्रक्रिया को प्रारंभ करेगी और नियमों को ताक में रखकर अपने चहेते IAS अधिकारियों की नियुक्ति नही करेगी ।





