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चांदी 2.24 लाख और सोना 1.36 लाख के पार, रिकॉर्ड तेजी से ग्राहक बेहाल

भारतीय सर्राफा बाजार में सोने और चांदी की कीमतों ने आज ऐतिहासिक स्तर को छू लिया है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर चांदी की कीमत 2.24 लाख रुपए प्रति किलो की नई ऊंचाई पर जा पहुंची है।

वहीं, 24 कैरेट सोना भी 700 रुपए की बढ़त के साथ 1.36 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम के पार निकल गया है। कीमतों में इस बेतहाशा बढ़ोतरी के कारण आम ग्राहकों ने फिलहाल खरीदारी से पूरी तरह दूरी बना ली है।

चांदी में 4060 रुपए की जोरदार छलांग

आज बाजार खुलते ही चांदी के फरवरी वायदा भाव में 4060 रुपए की जबरदस्त तेजी देखी गई। इस उछाल के साथ चांदी 2,24,000 रुपए प्रति किलो के नए शिखर पर पहुंच गई है।

जानकारों का कहना है कि औद्योगिक मांग और वैश्विक बाजारों में चांदी की किल्लत के चलते कीमतों में यह ‘बुल रन’ जारी है। कुछ ही दिनों के भीतर चांदी की कीमतों में आया यह बदलाव निवेशकों के लिए तो मुनाफे का सौदा है, लेकिन आम खरीदार के लिए यह पहुंच से बाहर होती जा रही है।

सोना 1.36 लाख रुपए के पार, वैश्विक बाजारों में भी तेजी

सोने की कीमतों में भी तेजी थमने का नाम नहीं ले रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 20 डॉलर बढ़कर 4527 डॉलर प्रति औंस के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।

इसका सीधा असर भारतीय बाजारों पर पड़ा, जहां MCX पर सोना 1.36 लाख रुपए से अधिक प्रति 10 ग्राम के ऊपर ट्रेड कर रहा है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चांदी भी 125 सेंट उछलकर $72.40 प्रति औंस की ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गई है।

क्यों बढ़ रहे हैं दाम? ये हैं मुख्य कारण

बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, इस अप्रत्याशित तेजी के पीछे मुख्य रूप से तीन बड़े कारण हैं-

  • केंद्रीय बैंकों की खरीदारी: दुनिया भर के केंद्रीय बैंक अपने सुरक्षित भंडार (Reserve) को बढ़ाने के लिए भारी मात्रा में सोना खरीद रहे हैं।
  • संस्थागत निवेश: बड़े निवेशक शेयर बाजार की अस्थिरता से बचने के लिए सोने-चांदी को सुरक्षित विकल्प मान रहे हैं।
  • भारी सट्टेबाजी: वैश्विक स्तर पर सट्टेबाजी के चलते भी कीमतों में कृत्रिम तेजी देखने को मिल रही है।

खुदरा ग्राहकी एकदम ठप, डरे हुए हैं खरीदार

कीमतों में इस रिकॉर्डतोड़ तेजी का सबसे बुरा असर खुदरा बाजार पर पड़ा है। ज्वेलरी शोरूमों में सन्नाटा पसरा हुआ है। शादी-ब्याह का सीजन होने के बावजूद लोग सोने-चांदी की खरीदारी करने से कतरा रहे हैं।

ग्राहकों को डर है कि कहीं वे ऊंचे दाम पर खरीदारी न कर लें और बाद में कीमतें गिर जाएं। बाजार के जानकारों का मानना है कि जब तक कीमतों में स्थिरता नहीं आती, तब तक खुदरा मांग में सुधार की उम्मीद कम है।

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