नई दिल्ली. शुक्रवार 14 नवंबर 2025 को टीम इंडिया के कप्तान शुभमन गिल और कोच गौतम गंभीर ने प्लेइंग इलेवन में ऐसा कुछ कर दिया कि टीम इंडिया का 93 सालों से चल आ रहा सिलसिला टूट गया। भारत की टेस्ट टीम में पहली बार ऐसा कुछ देखने को मिला, जो 1932 से टेस्ट क्रिकेट खेलती आ रही टीम में नहीं देखने को मिला था। कोलकाता ईडन गार्डेंस स्टेडियम में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में भारत की प्लेइंग इलेवन में 6 लेफ्ट हैंडर थे और ऐसा पहली बार था, जब प्लेइंग इलेवन में इतने ज्यादा बाएं हाथ के बल्लेबाज रहे हैं।
भारत की टेस्ट टीम में 3-4 बाएं हाथ के बल्लेबाज होना आम बात है, लेकिन 5 बल्लेबाज भी बहुत कम देखने को मिलते हैं, जो प्लेइंग इलेवन में खेलें, लेकिन कोलकाता टेस्ट में साउथ अफ्रीका के खिलाफ गौतम गंभीर की कोचिंग वाली टीम ने सारी हदें पार दीं और एक या दो नहीं, बल्कि 6 लेफ्ट हैंडेड बैटर्स को मौका दिया गया। इससे पहले किसी भी टेस्ट मैच में भारत की प्लेइंग इलेवन इतने ज्यादा बाएं हाथ के बल्लेबाज नहीं रहे।
कोलकाता में जारी पहले टेस्ट मैच में यशस्वी जायसवाल, वॉशिंगटन सुंदर, ऋषभ पंत, रविंद्र जडेजा, अक्षर पटेल और कुलदीप यादव ऐसे बल्लेबाज हैं, जो बाएं हाथ से बल्लेबाजी करते हैं। प्लेइंग इलेवन में बाकी के पांच बल्लेबाज राइट हैंडर हैं। इनमें केएल राहुल, शुभमन गिल, ध्रुव जुरेल, मोहम्मद सिराज और जसप्रीत बुमराह का नाम है। कायदे से तीन ही बल्लेबाज भारत के इस मुकाबले में राइट हैंडर हैं, क्योंकि दो तो प्योर पेसर हैं। लेफ्टी बैटर्स की बात करें तो 6 में से 5 बल्लेबाज तो अच्छे खासी बल्लेबाजी कर लेते हैं।
चार स्पिनर भी टीम में
इसके अलावा 13 साल में पहली बार चार स्पिनर भारत की टेस्ट टीम का हिस्सा बने हैं। आखिरी बार दिसंबर 2012 में टीम इंडिया के बॉलिंग अटैक में चार स्पिनर और एक पेसर था और इस बार चार स्पिनर और दो पेसर हैं। पिछली बार स्पिनरों में एक ऑलराउंडर था, लेकिन इस बार तीन ऑलराउंडर और एक प्योर स्पिनर हैं। इस तरह कहा जा सकता है कि गिल और गंभीर की जोड़ी कुछ नया करती हुई दिख रही है।










