लाल किले के पास हुए दिल्ली धमाके के बाद अब खुलासा हुआ है कि इस बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम करने में श्रीनगर के SSP डॉ. जीवी संदीप चक्रवर्ती का अहम रोल था। उन्होंने फरीदाबाद में विस्फोटक मिलने के बाद खौफ में आए डॉक्टर उमर समेत पूरे ‘व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ का पर्दाफाश किया।
दिल्ली दर्द में है क्योंकि लाल किले के पास धमाका हुआ। बताया जा रहा है कि यह ब्लास्ट हड़बड़ी में किया गया था, क्योंकि फरीदाबाद में भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद होने के बाद डॉक्टर उमर खौफ में था। इस बड़ी साजिश को नाकाम करने का श्रेय श्रीनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) डॉ. जीवी संदीप चक्रवर्ती (Dr. G.V. Sundeep Chakravarthy) को जाता है, जिन्हें कश्मीर इलाके में आतंकियों के लिए ‘काल’ कहा जाता है। डॉ. संदीप इसी सिद्धांत पर काम करते हैं कि छोटी से छोटी धमकी में भी बड़ा मैसेज छिपा होता है। दरअसल जीवी संदीप को एक पोस्टर से इस मामले की भनक लग गई थी।
जैश के पोस्टर ने दी पहली चेतावनी
इस सफलता की शुरुआत 17 अक्टूबर को हुई, जब जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले के नौगाम की सड़कों पर जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर हंजला भाई के हस्ताक्षर वाले उर्दू पोस्टर लगाए गए। पहली नजर में ये पोस्टर सामान्य लग रहे थे, लेकिन डॉ. चक्रवर्ती ने तुरंत इनमें छिपे खतरे को भांप लिया। उन्होंने तत्काल जांच शुरू की, जिसके तहत सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। फुटेज से तीन ऐसे व्यक्तियों का पता चला, जिन्होंने पहले कश्मीर की सड़कों पर पत्थर बरसाए थे।
कश्मीरी डॉक्टरों का ‘व्हाइट कॉलर’ टेरर मॉड्यूल
जांच में जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैले एक बड़े आतंकी नेटवर्क का खुलासा हुआ। डॉ. संदीप के नेतृत्व में चलाए गए अभियान में, जैश-ए-मोहम्मद आतंकी मॉड्यूल में शामिल कई कश्मीरी डॉक्टरों और अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया। उनके नेतृत्व में श्रीनगर, फरीदाबाद और उत्तर प्रदेश में व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल का पर्दाफाश हुआ। गिरफ्तार किए गए लोगों में कश्मीरी डॉक्टर मुजम्मिल, अदील अहमद और डॉ. शाहीन सईद शामिल थे। पूछताछ के दौरान, मौलवी इरफान अहमद ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी नेटवर्क का खुलासा किया था।
2900 किलोग्राम विस्फोटक किया था बरामद
इस ऑपरेशन के दौरान, पुलिस ने 2900 किलोग्राम विस्फोटक (यानी 2921 किलो विस्फोटक), बम बनाने की सामग्री, और दो एके सीरीज की राइफलें जब्त कीं। अधिकारियों के मुताबिक, आईपीएस अधिकारी जीवी संदीप की सूझबूझ ने देश में कई जानें बचाईं। उन्हें आतंकवाद रोधी अभियानों में साहस दिखाने के लिए छह बार राष्ट्रपति पुलिस वीरता पदक (पीएमजी) से सम्मानित किया जा चुका है। डॉ. संदीप का जन्म आंध्र प्रदेश के कुरनूल में हुआ था और वह चिकित्सा पृष्ठभूमि (एमबीबीएस) से आते हैं, उन्होंने 2014 में भारतीय पुलिस सेवा ज्वाइन की थी।










