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जम्मू कश्मीर ने रचा इतिहास, 65 सालों में पहली बार दिल्ली को रणजी ट्रॉफी में दी शिकस्त

रणजी ट्रॉफी 2025-26 में जम्मू-कश्मीर ने दिल्ली को हराकर इतिहास रच दिया है। जम्मू-कश्मीर ने 65 सालों में दिल्ली पर पहली जीत दर्ज की है। जम्मू-कश्मीर ने सलामी बल्लेबाज कामरान इकबाल के शानदार शतक के बदौलत दिल्ली को 7 विकेट से हराया।

इतिहास में दिल्ली और जम्मू-कश्मीर की टीमों ने अब तक 43 बार आमने-सामने खेला है, जिनमें दिल्ली ने 37 मैच जीते हैं। यह जम्मू-कश्मीर की पहली जीत है। जीत के लिए 179 रन का पीछा करने वाली टीम को आखिरी दिन 124 रन चाहिए थे। सलामी बल्लेबाज कामरान इकबाल ने नाबाद 133 रन की पारी खेलकर टीम को आसान जीत दिलाई। उन्होंने 147 गेंदों में अपनी पारी में जिम्मेदारी उठाई और मनन भारद्वाज व ऋतिक शौकिन जैसे दिल्ली के स्पिनरों को भी खास चुनौती नहीं दी।

जम्मू-कश्मीर के कप्तान पारस डोगरा ने भी अपनी पहली पारी में शतक जमाया। 40 वर्षीय डोगरा ने इस सत्र में दिल्ली और मुंबई दोनों के खिलाफ शतक बनाकर अपने 22वें प्रथम श्रेणी सत्र में रनों की सूची में मुंबई के दिग्गज वसीम जाफर के बाद दूसरे नंबर पर जगह बनाई।

दिल्ली की टीम में पिछले खराब प्रदर्शन के बावजूद शरणदीप को मुख्य कोच बनाए रखा गया, जबकि कप्तान आयुष बदोनी ने बल्ले से अच्छे प्रदर्शन किए। तेज गेंदबाज अर्पित राणा को अच्छी गेंदबाजी का सामना करने में मुश्किल हुई, वहीं आक्रामक सलामी बल्लेबाज प्रियांश आर्य को पहले दो मैचों में बेंच पर बैठाया गया और बाद में चौथे नंबर पर खेलना पड़ा।

दिल्ली को नॉकआउट में पहुंचने के लिए चमत्कार की जरूरत

दिल्ली की टीम के लगातार गिरते प्रदर्शन का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि तीन घरेलू मैचों में उसने केवल चार अंक हासिल किए हैं। ग्रुप डी में सात अंकों के साथ दिल्ली आठ टीमों में छठे स्थान पर है और नॉकआउट में पहुंचने के लिए चमत्कार की जरूरत होगी।

सात बार की रणजी चैंपियन दिल्ली के इस पतन के पीछे कई कारण हैं। संदिग्ध चयन, कमजोर रणनीति, कप्तानी में अनुभव की कमी और डीडीसीए में गुटबाजी व अंदरूनी कलह। इस हार के बाद उम्मीद है कि डीडीसीए अध्यक्ष रोहन जेटली सख्त रुख अपनाएंगे। अब देखना होगा कि दिल्ली की टीम कैसे कमबैक करती है।

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