राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुए कार धमाके के बाद केंद्र सरकार ने बुधवार को कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की समिति (CCS) की बैठक बुलाई है। भूटान से लौटने के बाद प्रधानमंत्री इसकी अध्यक्षता करेंगे। यह बैठक दिल्ली विस्फोट की जांच और भविष्य की रणनीति पर निर्णय लेगी।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार को हुए कार धमाके के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं और कार ब्लास्ट के तार दहशतगर्दों से जोड़ रही हैं। इसी क्रम में केंद्र सरकार ने बुधवार को कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की समिति (CCS) की बैठक बुलाई है।
प्रधानमंत्री फिलहाल भूटान दौरे पर हैं और उनके लौटने के बाद वह इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक में दिल्ली विस्फोट की जांच की स्थिति पर भी चर्चा की जाएगी और आगे की रणनीति पर महत्वपूर्ण निर्णय लिया जाएगा। यह बैठक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद CCS की पहली बैठक होगी। इससे पहले, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भी CCS की बैठक हुई थी, जिसके बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने पाकिस्तान पर डिप्लोमैटिक प्रहार किया था।
दिल्ली धमाके के बाद एक बार फिर यह चर्चा हो रही है कि क्या सरकार ‘ऑपरेशन सिंदूर पार्ट-2’ शुरू कर सकती है। इसकी संभावना इसलिए बढ़ी है क्योंकि सरकार पहले ही यह कह चुकी है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है, और यदि पाकिस्तान की तरफ से कोई आतंकी साजिश रची गई तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। सरकार पहले ही यह स्पष्ट कर चुकी है कि ‘एक्ट ऑफ टेरर’ को ‘ऐक्ट ऑफ वॉर’ माना जाएगा। इसलिए, यह संभावना बढ़ गई है कि भारत फिर से पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर सकता है या उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई कर सकता है। बहरहाल, दिल्ली धमाके में अभी तक फिदायीन हमले की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन जांच में इसके तार दो पाकिस्तानी आतंकी मॉड्यूल से जुड़ रहे हैं, जिसमें शाहीन के जरिए जैश-ए-मोहम्मद से कनेक्शन सामने आ रहे हैं।
भारत की तरफ से संभावित कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी कहा है कि इस वक्त उनका देश युद्ध की स्थिति में है, हालांकि उनका यह बयान इस्लामाबाद कोर्ट परिसर में हुए आत्मघाती धमाके के संदर्भ में आया था। पाक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने जिस तरह से इन धमाकों के लिए भारत को कसूरवार ठहराया है, वह उनकी चिंता, परेशानी और घबराहट को दर्शाता है। उन्हें डर है कि भारत कहीं फिर से हमला न बोल दे।
इस बीच, भारत सरकार ने पाक प्रधानमंत्री के इन दावों को ‘निराधार’ बताते हुए खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत इन सभी आरोपों को दृढ़ता से खारिज करता है और पड़ोसी देश में हुए किसी भी आतंकी हमले के पीछे भारत की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान की यह चाल है कि वह देश में चल रहे सैन्य-प्रेरित संवैधानिकPakistan, विध्वंस से अपनी जनता का ध्यान हटाने के लिए भारत के खिलाफ झूठे आख्यान गढ़ रहा है।










